उत्तर प्रदेश के महराजगंज में लापता किशोरी की हत्या के आरोप में पिता-भाई को जेल भेजने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई शुरू हुई। एसपी ने विवेचक को निलंबित किया और थानेदार पर कार्रवाई के लिए गोरखपुर एसएसपी को पत्र भेजा।
किशोरी की हत्या में पिता और भाई को जेल भेजने का मामला : पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू, एएसपी को सौंपी जांच
Dec 21, 2024 12:50
Dec 21, 2024 12:50
- लापता किशोरी के जीवित और शादीशुदा मिलने के बाद पूरा मामला ही बदल गया अब
- उत्तर प्रदेश टाइम्स की ओर से दो दिन पहले प्रकाशित रिपोर्ट के बाद प्रशासन हरकत में आया
- एसपी ने मामले में गंभीरता दिखाते हुए विवेचक को निलंबित कर दिया
बिहार के शरणदाता पर भी हो सकती है कार्रवाई
महराजगंज से लापता किशोरी को बिहार के बगहा में शरण देने वाले व्यक्ति पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। इस व्यक्ति ने अपने बेटे की शादी लापता नाबालिग किशोरी से कराई थी। किशोरी अब एक बच्ची की मां बन चुकी है। पुलिस जल्द ही इस व्यक्ति से पूछताछ करने बगहा जाएगी। किशोरी के जिंदा बरामद होने के बाद पूरे मामले ने नया मोड़ ले लिया है। इस मामले में पुलिस ने जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) आतिश कुमार सिंह द्वारा की गई जांच में विवेचक और तत्कालीन थानाध्यक्ष को दोषी पाया गया है।
पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक सोमेन्द्र मीना ने बताया कि दोषी पाए गए विवेचक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही तत्कालीन थानाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई के लिए गोरखपुर एसएसपी को पत्र लिखा गया है। एसपी ने यह भी कहा कि न्यायालय के आदेश पर पुनः विवेचना कराई जाएगी। यदि किशोरी के परिवारजन शरणदाता के खिलाफ आपत्ति जताते हैं, तो उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ये है पूरा मामला
21 जून 2023 को महराजगंज के घुघली थाना क्षेत्र से एक किशोरी संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गई थी। इस मामले में घुघली के तीन लोगों पर आरोप लगाया गया था। कुछ दिनों बाद निचलौल नहर में एक शव मिला, जिसे पुलिस ने गायब किशोरी का मान लिया। जांच में आरोपित तीनों लोगों को बरी करते हुए पुलिस ने किशोरी के पिता और भाई को हत्या का दोषी मानते हुए जेल भेज दिया। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद पिता और भाई ने अपनी बेटी को बिहार के बगहा से ढूंढ निकाला और 17 दिसंबर को जिला जज के समक्ष पेश कर दिया।
न्याय की नई दिशा
जिस बेटी की हत्या के आरोप में पिता और भाई को 14 महीने जेल में रहना पड़ा, वह जिंदा मिलने के बाद पूरा मामला पलट गया। पुलिस अब इस प्रकरण की गहराई से जांच कर रही है। एएसपी आतिश कुमार सिंह को इस मामले की जांच सौंपी गई है। किशोरी के गायब होने से लेकर उसकी बरामदगी तक की कड़ियों को जोड़ने में पुलिस जुटी हुई है। पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि आखिर इस पूरे मामले के पीछे किसकी गलती थी और शरणदाता ने किस कारण से नाबालिग से अपने बेटे की शादी कराई। महराजगंज पुलिस जल्द ही बगहा पहुंचकर मामले से जुड़े शरणदाता से पूछताछ करेगी। प्रशासन अब इस प्रकरण को लेकर सतर्क है और न्याय की प्रक्रिया को सही दिशा देने की कोशिश में लगा है।
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