बहू और उसके प्रेमी को उम्रकैद : 19 साल पहले हुई थी ससुर की हत्या, फैसला अब आया, जानें कितने हजार का जुर्माना लगा

19 साल पहले हुई थी ससुर की हत्या, फैसला अब आया, जानें कितने हजार का जुर्माना लगा
UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Aug 18, 2024 15:45

महराजगंज के नंदना गांव में 19 वर्ष पूर्व हुई ससुर की हत्या के मामले में न्यायालय ने फैसला सुनाकर बहू व उसके प्रेमी को दोषी ठहराकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोनों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

Aug 18, 2024 15:45

Maharajganj News : यूपी के महराजगंज जनपद के घुघली थाना क्षेत्र के नंदना गांव में 19 वर्ष पूर्व हुई ससुर की हत्या के मामले में न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। संपत्ति विवाद के चलते बहू सुरसती ने अपने प्रेमी कोदई उर्फ सुदामा के साथ मिलकर ससुर रामदेनी की हत्या कर दी थी। इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश पवन कुमार श्रीवास्तव ने दोषी ठहराते हुए सुरसती और कोदई को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और दोनों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

गड़ासा से गला काटकर निर्मम हत्या की थी 
रामदेनी ने दो शादियां की थीं,अपनी पहली पत्नी से जन्मे पुत्र रामआसरे के साथ रहते थे। उन्होंने अपनी पैतृक संपत्ति का एक हिस्सा रामआसरे को सौंप दिया था और कुछ हिस्सा अन्य लोगों को भी बेच दिया था। यह संपत्ति विवाद रामदेनी के दूसरे बेटे छेदी और उसकी पत्नी सुरसती के लिए हमेशा तनाव का कारण बना रहा। घटना 18 मई 2005 की है जब रामदेनी अपने पैतृक जमीन को बेचने के इरादे से बाहर गए थे, लेकिन बेटे छेदी के विरोध के कारण वे बैनामा नहीं कर पाए। उसी शाम जब रामदेनी घर लौटे,तो सुरसती ने उनसे झगड़ा शुरू कर दिया। इस झगड़े के दौरान, सुरसती अपने प्रेमी कोदई के साथ मिलकर रामदेनी को घसीटते हुए घर के सामने लाई और गड़ासा से उनका गला काटकर निर्मम हत्या कर दी।

पौत्र की तहरीर पर घुघली पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज किया 
इस घटना के बाद रामदेनी के पौत्र पन्नेलाल की तहरीर पर घुघली पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज किया और आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। मुकदमे के दौरान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता संतोष मिश्रा ने अदालत के सामने अभिलेखीय साक्ष्य और गवाह पेश किए, जिसके आधार पर आरोपितों के खिलाफ सजा की मांग की गई। अपर सत्र न्यायाधीश पवन कुमार श्रीवास्तव ने सभी सबूतों और गवाहों के आधार पर सुरसती और कोदई को दोषी ठहराया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस मामले ने न्यायालय में यह साबित कर दिया कि अपराध चाहे कितना भी पुराना हो, कानून के हाथ से बच पाना मुश्किल है। न्यायालय के इस फैसले से पीड़ित परिवार को न्याय मिला और समाज में एक कड़ा संदेश भी गया। 

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