आदमखोर तेंदुए के आतंक से थर्राया महाराजगंज : दिन हो या रात डर के साए में जीने को मजबूर हैं ग्रामीण

दिन हो या रात डर के साए में जीने को मजबूर हैं  ग्रामीण
फ़ाइल फोटो | महाराजगंज में आदमखोर तेंदुए ने छीनी ग्रामीणों की नींद

Sep 01, 2024 16:16

कुछ दिन पहले ही रामनगर गांव में एक आदमखोर तेंदुए ने एक किसान पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था। अब यह तेंदुआ बार-बार गांव के पास आ रहा है और इसकी दहाड़ से पूरा गांव सहमा हुआ है।

Sep 01, 2024 16:16

Maharajganj News : उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में एक आदमखोर तेंदुए ने स्थानीय ग्रामीणों के जीवन में भय और अनिश्चितता का माहौल पैदा कर दिया है। यह घटना उस समय और भी चिंताजनक हो गई है जब राज्य के अन्य हिस्सों, विशेष रूप से बहराइच और सीतापुर जिलों में, आदमखोर भेड़ियों के हमलों की खबरें सुर्खियों में हैं।

रामनगर गांव में बनी है दहशत
सोहगीबरवा जंगल से सटे नौतनवा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रामनगर गांव में स्थिति विशेष रूप से तनावपूर्ण है। हाल ही में, एक किसान पर खेत में काम करते समय तेंदुए ने हमला किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। इस घटना के बाद से, तेंदुआ लगातार गांव के आस-पास देखा जा रहा है, जिसकी दहाड़ से पूरा गांव भयभीत है।

ग्रामीणों का कहना है कि पहले स्थिति सामान्य थी, लेकिन बहराइच और सीतापुर में पिछले 10-15 दिनों से चल रहे आदमखोर भेड़ियों के आतंक की खबरों ने उनकी चिंता और बढ़ा दी है। जंगल से सटे होने के कारण, वे अब अपनी सुरक्षा को लेकर अत्यधिक सतर्क हैं।

रात-रात भर जागते हैं ग्रामीण
उत्तर प्रदेश टाइम्स की एक टीम ने रात लगभग 2:00 बजे उस स्थान का दौरा किया जहां तेंदुआ देखा गया था। टीम ने पाया कि ग्रामीण रात भर जागते हैं, तेंदुए के डर से सो नहीं पाते। वे लाठी और डंडों से लैस होकर अपनी जान और संपत्ति की रक्षा करते हुए दिखाई दिए। ग्रामीण समूहों में एकत्र होकर गांव की चौकसी कर रहे थे।

ग्रामीणों ने बताया कि कुछ हफ्ते पहले तक वे आसानी से सुबह-शाम अपने खेतों और गांव में घूम सकते थे। लेकिन अब, आदमखोर तेंदुए के खतरे के कारण, वे केवल समूहों में और हथियारों से लैस होकर ही बाहर निकलते हैं। वे समय-समय पर आग जलाकर भी तेंदुए को दूर रखने का प्रयास करते हैं।

डरे और सहमे हुए हैं ग्रामीण 
ग्रामीणों का मानना है कि तेंदुए के मुंह में एक बार मानव रक्त लग जाने के बाद वह और अधिक खतरनाक हो गया है। यह धारणा उनके भय और चिंता को और बढ़ा रही है। वन विभाग की टीमें भी सक्रिय हैं और रात में क्षेत्र में गश्त कर रही हैं, लेकिन अब तक तेंदुए को पकड़ने या उसके आतंक को रोकने में सफल नहीं हुई हैं।

इस स्थिति ने ग्रामीणों के दैनिक जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। खेती-बाड़ी, जो कि इस क्षेत्र की प्रमुख आजीविका है, अब जोखिम भरा काम बन गया है। बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा विशेष चिंता का विषय है, क्योंकि वे तेंदुए के लिए आसान शिकार माने जाते हैं।

प्रशासन ने दिया आश्वासन
स्थानीय प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि वे स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने ग्रामीणों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तत्काल सूचना देने का आग्रह किया है। साथ ही, वे तेंदुए को पकड़ने के लिए विशेष टीमें और उपकरण तैनात करने की योजना बना रहे हैं।

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