कहते हैं बेटा माता-पिता के बुढ़ापे का सहारा होता है। लेकिन, आज आधुनिकता की चकाचौंध और आपाधापी की जिंदगी में चंद स्वार्थ में समाज की सबसे मजबूत कड़ी यानी रिश्ते की डोर लगातार कमजोर होती जा रही है। बिगड़ते रिश्तों की...
Maharajganj News : रिश्ते की डोर हो रही कमजोर, बेटे बन रहे कातिल, जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ...
Jan 13, 2025 10:09
Jan 13, 2025 10:09
इतने क्रूर संतान
20 दिसंबर 2024 : कोठीभार थाना क्षेत्र के सोहट गांव के नौका टोला में ग्रामवासी हीरा व उनकी पत्नी उर्मिला देवी अपने दो बेटे संजय व राहुल से विगत दो वर्षों से पारिवारिक विवाद के कारण अलग रह रहे थे। विवाद में दोनों बेटों ने पिटाई कर दी, जिससे उनकी मृत्यु हो गई थी।
मां को ही मार डाला
20 दिसंबर 2024 : बृजमनगंज थाना के सिकन्दरा जीतपुर निवासी बुजुर्ग शशिप्रभा तिवारी अपने दो पुत्रों अम्बरीश उर्फ बिट्टू तथा अवनीश उर्फ चिंटू के साथ घर पर रहतीं थीं। पैसे की बात को लेकर नाराज चिंटू ने छत पर से ही ईंट चलाकर मां शशिप्रभा पर वार कर दिया, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।
इतनी सी बात पर हत्या
एक जनवरी 2025 : घुघली थाना क्षेत्र के विशुनपुर गबडुआ के टोला विशुनपुर में घुरहू यादव अपनी पत्नी केशा के साथ रहते हैं। जबकि उनके तीनों बेटे सत्येंद्र, बंशीधर और मुरलीधर बगल में अलग-अलग मकान में रहते हैं। घटना के दिन देर शाम बंशीधर के बेटे शुभम की उसके चाचा मुरलीधर ने पिटाई कर दी। शाम को उलहना देने गए घुरहू को मुरलीधर ने ईंट से प्रहार कर हत्या कर दी।
क्या कहते हैं एसपी
महराजगंज पुलिस अधीक्षक सोमेन्द्र मीना ने बताया कि बच्चों के आसपास की नकारात्मक गतिविधियां उनकी मानसिक स्थिति को प्रभावित करती हैं। बड़े होकर वह भले ही अपराधी न हों, लेकिन मानसिकता अपराधिक प्रवृति की हो जाती है। हर छोटी-बड़ी बातों पर क्रोध करना उनके स्वभाव में शामिल हो जाता है। इस पर रोक लगाने के लिए पुलिस विभाग की तरफ से सार्वजनिक स्थलों व स्कूलों में पुलिस पाठशाला अभियान के तहत छात्र-छात्राओं को जागरूक करने के साथ ही उनके नैतिक मूल्यों के विकास के प्रति प्रेरित किया जाता है। इसके अलावा बीट पुलिस को भी निर्देशित किया गया है कि क्षेत्र में होने वाली छिटपुट पारिवारिक विवादों का त्वरित संज्ञान लेकर उसका समाधान कराएं।
सामाजिक विकार का कारण है इंटरनेट मीडिया
मनोविज्ञान के प्रवक्ता आशीष कुमार मौर्य ने बताया कि इंटरनेट मीडिया पर अपना अधिकांश समय व्यतीत करने के कारण बच्चों और अभिभावकों के बीच संवादहीनता की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे बच्चों में सामाजिकता का अभाव हो गया है। यह पारिवारिक तनाव का महत्वपूर्ण कारण है। युवा पीढ़ी और अभिभावकों को आपस में मित्रवत संवाद करने की जरुरत है। साथ ही युवा पीढ़ी को अपनी सभी समस्याओं को अभिभावकों से साझा करने की जरूरत है। बच्चों के व्यवहार को नजदीक से देखते रहने की जरूरत है। यदि लगे कि उनका बच्चा गलत मित्रों के संपर्क में है, तो बच्चे को एक मनोवैज्ञानिक या काउंसलर से सलाह दिलवानी चाहिए।
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