जालौन सीट पर लाखों लोगों ने सपा प्रत्याशी नारायण दास अहिरवार को चुना है। इन्होंने बीजेपी प्रत्याशी भानु प्रताप सिंह वर्मा को हराकर जनता का फिर से विश्वास जीत लिया है।
बसपा से शुरू किया था सियासी सफर : सपा से लड़कर सांसद बने नारायण दास अहीरवार की कहानी
Jun 04, 2024 21:11
Jun 04, 2024 21:11
बसपा से की थी राजनीति की शुरुआत
बता दे कि सपा प्रत्याशी नारायण दास अहिरवार के राजनैतिक करियर की बात की जाए तो नारायण दास अहिरवार 1982 में बीएस-4 बनने के बाद सक्रिय राजनीति में आए थे। वह बसपा संस्थापक कांशीराम से प्रभावित होकर राजनीति में आए थे। जब 1984 में बसपा बनी, तब उन्हें संस्थापक सदस्य बनाया गया, जिसके बाद से वह लगातार बसपा में सक्रिय रहे। इसके बाद उन्होंने बसपा को मजबूत बनाने के लिए लगातार काम करते रहे।
नारायण दास का राजनीतिक सफर
नारायण दास अहिरवार का राजनीतिक सफर 1984 में बसपा में शामिल होने के साथ ही शुरु हो गया था। जि1992 में उन्हें पहली बार उरई विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया वह 2000 तक इस पद पर रहे। जिसके बाद उनके कामों के देखते हुए पार्टी ने उन्हें जिलाध्यक्ष की कमान दी। इसके बाद 2005 में उन्हें जिलाध्यक्ष पद की जगह कोंच विधानसभा का प्रभारी नियुक्त किया गया। 2007 में जब बसपा की सरकार आई, तब इन्हें मुख्यमंत्री मायावती ने जल निगम बोर्ड का अध्यक्ष बनाया। इस बीच उन्हें बुंदेलखंड मंडल का जोनल कोऑर्डिनेटर बनाया गया। जिसके बाद बसपा की नीतियों के कारण उनके मन में बसपा सुप्रीमो से मन मोटा होने लगे और वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। जिसके बाद से वह लगातार आंतरिक रूप से समाजवादी पार्टी को मजबूत करने में जुटे रहे।
सपा में हुए शामिल
नारायण दास अहिरवार 2022 में सपा में शामिल हुए थे। जिसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा ने इन्हें जालौन-गरौठा-भोगनीपुर लोकसभा सुरक्षित सीट से टिकट दी। नारायण दास अहिरवार शुरुआत से ही दलित समाज में अपनी पकड़ बनाए हुए हैं, इसीलिए समाजवादी पार्टी ने उन पर बड़ा दाव चला है, जिससे बसपा का भी वोट समाजवादी पार्टी मिल सके। और हुआ भी यही इस बार नारायण ने इस सीट से बड़ी जीत हासिल की।
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