पुलिस की गलती पड़ी भारी : छुट्टी ना मिलने से सिपाही की पत्नी और बच्ची की मौत, दुखी होकर लिखी ये बात

छुट्टी ना मिलने से सिपाही की पत्नी और बच्ची की मौत, दुखी होकर लिखी ये बात
UPT | आरक्षी की पत्नी और बच्चे की मौत के बाद आया एसपी का आदेश

Apr 21, 2024 16:40

जालौन में एक सिपाही की पत्नी और नवजात बच्चे की मौत हो गई। सिपाही ने छुट्टी के लिए थाना प्रभारी को आवेदन दिया था, जिसे स्वीकार नहीं किया गया। इस दुखद घटना के बाद पुलिस अधीक्षक ने अवकाश के संबंध में आदेश दिया।

Apr 21, 2024 16:40

Jalaun News : जालौन में एक सिपाही की पत्नी और नवजात बच्चे की मौत हो गई। सिपाही ने छुट्टी के लिए थाना प्रभारी को आवेदन दिया था, जिसे स्वीकार नहीं किया गया। शुक्रवार को सिपाही की पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे लेकर सीएचसी पहुंचे। यहां उसने एक बच्ची को जन्म दिया लेकिन दोनों की हालत खराब होने पर डॉक्टरों ने जच्चा बच्चा को आगरा रेफर कर दिया। आगरा ले जाते वक्त दोनों की मौत हो गई। पत्नी और बेटी की मौत के बाद सिपाही ने सोशल प्लेटफॉर्म पर लिखा-मुझे माफ कर दें। 

जब इस घटना की जानकारी पुलिस अधीक्षक को हुई तो उन्होंने सिपाही को छुट्‌टी दी लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इसके बाद रविवार को एसपी डॉ. ईरज राजा ने एक आदेश जारी किया। इसमें कहा गया है कि किसी भी कर्मचारी का अवकाश प्रार्थना पत्र न रुके और इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन किया जाए। 

ये था मामला
2018 बैच का सिपाही विकास निर्मल रामपुरा थाने में तैनात हैं। विकास मैनपुरी के बेला हार थाने का रहने वाला है। उनकी पत्नी ज्योति परिवार के साथ गांव में रहती थी। विकास पत्नी की देखभाल के लिए छुट्टी पर घर जाते थे। उनकी पत्नी का इलाज आगरा में चल रहा था। उन्हें अपनी पत्नी को भी डिलीवरी के लिए आगरा में भर्ती कराना पड़ा। बताया जा रहा है कि एक महीने पहले ही विकास अपनी पत्नी का चेकअप कराकर वापस ड्यूटी पर जालौन लौटे थे। शुक्रवार को उनकी पत्नी को लेबर पेन हुआ। इस पर सिपाही ने थानाध्यक्ष अर्जुन सिंह को छुट्टी की अर्जी दी थी जिसे रिजेक्ट कर दिया गया था। सिपाही ने अपने परिवार वालों को फोन कर अपनी पत्नी को तत्काल अस्पताल ले जाने को कहा था। परिवार वाले जच्चा को लेकर सीएचसी लेकर आए, जहां डॉक्टरों ने उसका ट्रीटमेंट शुरू किया। पत्नी ने एक बच्ची को जन्म दिया। लेकिन दोनों की तबीयत ठीक नहीं थी। दोनों को मैनपुरी जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों ने उनका इलाज शुरू किया। हालत में सुधार नहीं होने पर मां-बेटी को आगरा रेफर कर दिया गया। एम्बुलेंस से आगरा ले जाते वक्त दोनों की मौत हो गई।
 
हंसते-खेलते परिवार की खुशियां छीन लीं
विकास के परिवार वालों का कहना है कि अगर उसे समय से छुट्टी मिल गई होती तो श्याद मां-बेटी की जान बच गई होती। दोनों की यह पहली संतान थी। वह अपनी पत्नी से बहुत प्यार करता था और उसका अच्छे से अच्छा इलाज करा रहा था। परिवार का कहना है कि अगर विकास आ जाता और अपनी पत्नी को समय से इलाज के लिए आगरा ले जाता तो आज हमारे घर में मातम नहीं मनता। पुलिस विभाग ने एक हंसते खेलते परिवार की खुशियां छीन लीं।

पत्नी की डिलीवरी के लिए सिपाही ने मांगा था अवकाश
एसपी डॉ. ईरज राजा ये आदेश सिपाही विकास निर्मल की पत्नी और बच्चे की मौत के बाद आया है। थानाध्यक्ष ने सिपाही विकास निर्मल की छुट्टी नहीं बढ़ाई थी। सिपाही ने पत्नी की डिलीवरी के लिए अवकाश मांगा था। जिसमें कारण दिया गया था कि पत्नी डिलीवरी के लिए अस्पताल में एडमिट है। बताया जा रहा है कि कप्तान साहब के आदेशानुसार थानाध्यक्ष द्वारा सिपाही विकास निर्मल को घर जाने की छुट्टी नहीं दी गई। इसी बीच सिपाही की पत्नी एवं नवजात बच्ची की मौत हो जाती है। थक हारकर सिपाही विकास निर्मल ने कप्तान से गुहार लगाई तब कहीं जाकर वह अपने गृह जनपद मैनपुरी के लिए निकलता है और वहां जाकर देखता है कि उसकी मासूम नवजात बच्ची और पत्नी दोनों मृत पड़े हुए हैं।

दुखद घटना के बाद जालौन पुलिस की हुई किरकिरी
यह दुखद घटना मीडिया में आने के बाद जालौन पुलिस की काफी किरकिरी हुई है। इसके बाद ही पुलिस अधीक्षक जालौन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिसकर्मियों के अवकाश के संबंध में आदेश दिया है। आरक्षी ने अपना परिवार खो दिया है।  
 
आदेश का कड़ाई से अनुपालन किया जाए
एसपी डॉ. ईरज राजा ने इस बाबत एक आदेश जारी किया है। जिसमें जनपद जालौन के अपर पुलिस अधीक्षक, समस्त क्षेत्राधिकारी, समस्त थाना प्रभारी, शाखा प्रभारी, गोपनीय सहायक पुलिस अधीक्षक एवं नगर नियंत्रण कक्ष को ताकीद किया गया है कि किसी भी कर्मचारी का अवकाश प्रार्थना पत्र न रुके और इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन किया जाए। एसपी डॉ. ईरज राजा ने इस मामले में जारी आदेश में लिखा-संज्ञान में आया है कि थाना प्रभारियों द्वारा थानों पर तैनात पुलिस कर्मियों को अनावश्यक रूप से छुट्टी पर जाने से रोका जा रहा है तथा छुट्टी के आवेदनों की अनुशंसा एवं अग्रेषण नहीं किया जा रहा है, यह स्थिति अत्यंत आपत्तिजनक है। मैंने पूर्व में अवकाश के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए थे कि किसी भी स्थिति में किसी भी कर्मचारी की छुट्टी नहीं रोकी जाए, जिसका कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है। 

अवकाश आवेदन एक दिन पूर्व उपलब्ध कराएं
जालौन ने पुलिस अधीक्षक ने अपने आदेश में कहा -यदि आपके अधीन नियुक्त कोई पुलिस कर्मी आकस्मिक/अर्जित अवकाश के लिए आवेदन करता है तो उक्त कर्मचारी का अवकाश आवेदन उसी दिन कार्यालय समय में (प्रातः 10:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक) थाना प्रभारी को प्रस्तुत किया जाये। आवेदन पत्र अग्रेषित कर क्षेत्रीय अधिकारी को भेजा जायेगा तथा क्षेत्र अधिकारी अपनी अनुशंसा सहित अवकाश आवेदन पत्र उसी दिन सायं 06ः00 बजे तक भेजना सुनिश्चित करेंगे। छुट्टी पर जा रहे लोग यह भी ध्यान रखें कि अवकाश आवेदन एक दिन पूर्व उपलब्ध करा दिया जाये।

इमरजेंसी में इस नंबर पर करें सूचित
किसी भी प्रकार की इमरजेंसी /अपरिहार्य स्थिति में अवकाश आवेदन पत्र सीधे मेरे गोपनीय सहायक के सीयूजी व्हाट्सएप नम्बर 9454457893 पर उपलब्ध कराया जाये। यदि किसी कर्मचारी का अवकाश आवेदन पत्र थाना प्रभारी/क्षेत्राधिकारी द्वारा अग्रसारित नहीं किया जा रहा हो तो संबंधित कर्मचारी मेरे गोपनीय सहायक के सीयूजी नंबर 9454457893 पर सूचना दे सकता है। किसी भी स्थिति में किसी कर्मचारी का अवकाश आवेदन नहीं रोका जाना चाहिए। आदेश का कड़ाई से पालन किया जाए।

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