झांसी मेडिकल कॉलेज में लापरवाही का बड़ा खुलासा, जहां एक ही बेड पर 3-4 नवजातों को भर्ती किया गया। इस लापरवाही के कारण आग लगने से 10 मासूमों की जान चली गई।
झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने का मामला : एक बेड पर 3-4 बच्चों को किया गया था भर्ती, प्रशासन पर खड़े हुए सवाल
Nov 16, 2024 18:20
Nov 16, 2024 18:20
एक बेड पर 3-4 नवजात भर्ती
जानकारों के मुताबिक, वार्ड में एक-एक बेड पर 3-4 बच्चों को भर्ती किया गया था, जिससे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर गर्म हो गया और आग लगने की आशंका जताई जा रही है।
फायर अलार्म नहीं बजा, अंधेरे में चला बचाव कार्य
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग लगने के बाद वार्ड में फायर अलार्म तक नहीं बजा। धुआं फैलने पर मरीजों और परिजनों ने बाहर भागकर हादसे की जानकारी दी। घटना के बाद बिजली काट दी गई, जिससे पूरा इलाका अंधेरे में डूब गया। अंधेरे में बचाव कार्य में भी काफी दिक्कतें आईं।
दमकल टीम ने फॉग का किया इस्तेमाल
सूचना मिलने पर दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। आग बुझाने के लिए खिड़कियां तोड़कर फॉग का छिड़काव किया गया, जिससे आग बाहर के कक्षों तक नहीं पहुंची। हालांकि, आग लगने के आधे घंटे बाद ही बचाव कार्य शुरू हो सका।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
इस घटना से अस्पताल परिसर में कोहराम मच गया। माता-पिता अपने बच्चों को बचाने की गुहार लगाते रहे। शुक्रवार रात करीब 10:45 बजे वार्ड से धुआं निकलता देखा गया। जब तक दमकलकर्मी पहुंचे, आग ने पूरे वार्ड को अपनी चपेट में ले लिया था।
प्रशासन की लापरवाही पर सवाल
मेडिकल कॉलेज में आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर फायर अलार्म और आग बुझाने के उपकरण सही ढंग से काम करते, तो यह हादसा टल सकता था।
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