झांसी में सीपरी बाजार के एक मजदूर के साथ कुछ दबंगों ने निर्दयता की सारी हदें पार कर दीं। मामूली से विवाद में पहले उसे पेड़ से उल्टा लटकाकर प्रताड़ित किया, फिर जबरन मुंडन करा उसकी गरिमा को ठेस पहुंचाई...
गोबर उठाने से मना करने पर बर्बरता : मजदूर को पेड़ से उल्टा लटकाकर पीटा, सिर मुंडवाकर गांव में घुमाया
Oct 25, 2024 19:02
Oct 25, 2024 19:02
दबंगों ने दी गांव छोड़ने की धमकी
झांसी के सीपरी बाजार थाना क्षेत्र के एक गांव में एक मजदूर ने आरोप लगाया है कि कुछ दबंग उससे भैंसों का गोबर उठाने और खेतों में काम करने के लिए दबाव बना रहे थे। जब उसने काम करने से मना किया, तो उसके साथ बर्बरता की गई। दबंगों ने उसे धमकी दी कि यदि वह गांव में रहना चाहता है तो उसे यह काम करना होगा, अन्यथा उसे गांव छोड़ने के लिए कहा गया।
खेत से खींचकर ले गए, फिर की बर्बरता
टाकोरी गांव के चार लोगों पर गंभीर आरोप लगे हैं। पीड़ित मजदूर के मुताबिक, बुधवार को वह अपने काम में व्यस्त था, तभी विजय, नकुल, शत्रुघ्न और कालू नाम के व्यक्ति वहां पहुंचे। आरोपियों ने उसे जबरन घसीटते हुए सड़क तक लाया और फिर गाड़ी में डालकर टाकोरी गांव ले गए। पीड़ित का कहना है कि आरोपियों ने उसे गांव के बीचोंबीच ले जाकर जबरन मुंडन कराया और सार्वजनिक रूप से अपमानित किया। इतना ही नहीं, उसे रस्सी से बांधकर उल्टा लटकाया और मारपीट की। सीपरी बाजार थाने में दर्ज शिकायत के आधार पर पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच जारी है।
कांग्रेस ने इस बर्ताव को बेहद निंदनीय बताया
कांग्रेस ने इस घटना का वीडियो साझा करते हुए कहा कि झांसी में एक मजदूर को जबरन बाल कटवाने के दौरान उसकी मदद की कोई कोशिश नहीं की गई। मजदूर, जो केवल अपनी मर्जी से काम करने का अधिकार मांग रहा था, के साथ किए गए इस बर्ताव को बेहद निंदनीय बताया गया। सवाल उठाते हुए कहा गया कि क्या किसी को काम करने से मना करने का अधिकार नहीं है? जबरदस्ती काम कराना कितना सही है? भारतीय संविधान के अनुच्छेद 23 और 24 में दिए गए शोषण के खिलाफ अधिकारों का क्या कोई महत्व रह गया है? कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रदेश में मजदूरों के अधिकारों का लगातार उल्लंघन हो रहा है और सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या मजदूरों की इज्जत नहीं है और उन्हें उनके हक कब मिलेंगे?
उपचुनाव में पुलिस प्रशासन सख्त
जैसे-जैसे उपचुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, पुलिस प्रशासन की सतर्कता बढ़ती जा रही है। चुनाव को सुरक्षित और भयमुक्त बनाने के लिए, हर विधानसभा में अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया जा रहा है। 28 मतदान केंद्रों को अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखा गया है, जिसमें पूर्व विधायक का गांव भी शामिल है। पुलिस अधिकारी चुनाव के सुचारू संचालन के लिए बूथों का निरीक्षण कर रहे हैं। थाना प्रभारी ने कहा कि अगर चुनाव के दौरान कोई अराजक तत्व धमकी या डराने की कोशिश करता है, तो इसकी तुरंत सूचना प्रशासन को दी जानी चाहिए, ताकि चुनाव प्रक्रिया को सुरक्षित रखा जा सके। इस तरह की व्यवस्थाओं से चुनाव में किसी भी प्रकार की अराजकता को रोकने की कोशिश की जा रही है।
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