ललितपुर के कई गांवों में कुपोषण एक गंभीर समस्या बन गई है। छोटे-छोटे बच्चे कुपोषण के कारण बीमार रहते हैं और उनका शारीरिक विकास रुक जाता है। प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे पोषण अभियान के बावजूद स्थिति में कोई खास सुधार नहीं देखने को मिल रहा है।
Lalitpur News : कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी नहीं, स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ी
Jul 31, 2024 01:41
Jul 31, 2024 01:41
साल दर साल कुपोषित बच्चों की संख्या में हो रही है वृद्धि
ललितपुर में कुपोषण की चुनौती लगातार बढ़ती जा रही है। साल दर साल कुपोषित बच्चों की संख्या में वृद्धि हो रही है। प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं आ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि कुपोषण के पीछे कई कारण हैं, जिनमें गरीबी, अशिक्षा और जागरूकता का अभाव शामिल हैं। पिछले तीन वर्षों के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि जनपद में कुपोषित बच्चों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। विशेष रूप से अतिकुपोषित बच्चों की संख्या चिंताजनक है।
वर्ष 2022 : 6523 बच्चे चिह्नित, जिसमें 1634 अतिकुपोषित
वर्ष 2023 : 4890 बच्चे चिह्नित, जिसमें 1321 अतिकुपोषित
वर्ष 2024 (जून तक) : 3790 बच्चे चिह्नित, जिसमें 926 अतिकुपोषित
प्रशासन के प्रयास
जिला कार्यक्रम अधिकारी नीरज कुमार के अनुसार, कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए ग्राम पंचायतों में नियमित रूप से स्वास्थ्य शिविर लगाए जाते हैं। साथ ही, कुपोषित बच्चों को पोषक आहार और तीमारदार को भोजन उपलब्ध कराया जाता है। गर्भवती महिलाओं को भी पोषक आहार दिया जाता है।
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