डॉ. शहनाज अयूब, BIET के इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार अभियांत्रिकी विभाग में प्रोफेसर हैं। उनके अनोखे शिक्षण पद्धति और प्रोजेक्ट-बेस्ड लर्निंग के चलते उन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ है। उनके अनुसार, पढ़ाई सिर्फ थ्योरी एग्जाम तक सीमित नहीं होनी चाहिए।
डॉ. शहनाज अयूब : झांसी की प्रोफेसर को मिला देश का सबसे बड़ा शिक्षक सम्मान
Sep 06, 2024 02:16
Sep 06, 2024 02:16
अनोखे पढ़ाने के तरीके से मिली पहचान
डॉ. शहनाज अयूब, BIET के इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार अभियांत्रिकी विभाग में प्रोफेसर हैं। उनके अनोखे शिक्षण पद्धति और प्रोजेक्ट-बेस्ड लर्निंग के चलते उन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ है। उनके अनुसार, पढ़ाई सिर्फ थ्योरी एग्जाम तक सीमित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अपने विभाग में इस अवधारणा को लागू किया है कि हर विषय के साथ छात्रों को एक प्रोजेक्ट बनाना होता है, जिससे उनकी स्किल्स का विकास होता है।
नौकरी लेने से ज्यादा, नौकरी देने की प्रेरणा
डॉ. शहनाज ने BIET में ‘आइडिया टू बिजनेस मॉडल’ नामक क्रेडिट कोर्स की शुरुआत की, जिसे बीटेक के छात्रों को अनिवार्य रूप से लेना होता है। इस कोर्स का उद्देश्य छात्रों को आत्मनिर्भर बनाना और उनमें उद्यमिता का विकास करना है। उन्होंने बताया कि वे छात्रों को केवल नौकरी पाने के लिए नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनने के लिए प्रेरित करती हैं। उनके इस विचारधारा के कारण बुंदेलखंड में 35 स्टार्टअप्स की नींव रखी जा चुकी है।
35 स्टार्टअप्स को दिया नया आयाम
2020 में सरकार द्वारा स्टार्टअप पॉलिसी के अंतर्गत BIET में बुंदेलखंड इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेंटर फाउंडेशन की स्थापना की गई, जिसकी निदेशक डॉ. शहनाज अयूब को बनाया गया। उन्होंने बुंदेलखंड के 35 स्टार्टअप्स को रजिस्टर्ड कराया और 6 स्टार्टअप्स को सरकारी सहायता दिलवाई। इसके साथ ही, नीति आयोग की अटल टिंकरिंग लैब की मिंटर ऑफ चेंज के रूप में भी उन्होंने 5 स्कूलों में उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देने का कार्य किया।
मल्टीनेशनल कंपनी से लेकर साइंटिस्ट और अब प्रोफेसर
झांसी के खातीबाबा क्षेत्र की रहने वाली डॉ. शहनाज अयूब ने अपने करियर की शुरुआत एक मल्टीनेशनल कंपनी से की थी। इसके बाद उन्होंने सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट में साइंटिस्ट के रूप में कार्य किया। उनके इंडस्ट्रियल, रिसर्च और अकादमिक अनुभवों का लाभ अब उनके छात्रों को मिल रहा है।
सम्मान की खबर सुनकर भावुक हुईं
डॉ. शहनाज ने बताया कि जब उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयन होने की खबर मिली, तो उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। उन्होंने कहा कि इस अवार्ड के लिए हजारों शिक्षकों में से 106 शिक्षकों को शॉर्टलिस्ट किया गया था, और उनका इंटरव्यू 14 अगस्त को हुआ था। 27 अगस्त को उन्हें चयन होने की सूचना मिली, जिससे वे बेहद भावुक हो गईं।
परिवार का सहयोग
डॉ. शहनाज के पति डॉ. मोहम्मद अयूब अंसारी बिपिन बिहारी डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर हैं। उनकी बेटी चंडीगढ़ में क्लिनिकल साइकोलॉजी में एमफिल कर रही है, जबकि बेटा अयान राजस्थान के बिट्स पिलानी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। इस सम्मान के साथ, डॉ. शहनाज अयूब ने न सिर्फ अपने संस्थान बल्कि पूरे बुंदेलखंड का नाम रोशन किया है। उनके द्वारा की गई शिक्षा और नवाचार के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा।
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