इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि आपराधिक मामला लंबित होने का आधार बनाकर पासपोर्ट नवीनीकरण को रोका नहीं जा सकता।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला : आपराधिक मामले में पासपोर्ट रिन्यूअल नहीं रोका जा सकता, अधिकारियों को दिए निर्देश
Jan 15, 2025 10:02
Jan 15, 2025 10:02
कोर्ट का फैसला
हाईकोर्ट ने दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि आपराधिक मामला लंबित होने का आधार बनाकर पासपोर्ट नवीनीकरण को रोका नहीं जा सकता। न्यायमूर्ति शेखर बी. सराफ और न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित की खंडपीठ ने आदेश देते हुए पासपोर्ट अधिकारियों को तत्काल पासपोर्ट नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए।
सरकारी अधिवक्ता का विरोध
भारत सरकार के अधिवक्ता ने इस याचिका का विरोध किया। हालांकि कोर्ट ने पवन कुमार राजभर बनाम भारत संघ मामले का हवाला देते हुए कहा कि विचाराधीन आपराधिक प्रक्रिया के दौरान पासपोर्ट नवीनीकरण पर रोक लगाना उचित नहीं है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस तरह की रोक नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन है और इससे विदेश यात्रा जैसे अधिकारों में बाधा आती है।
इस याचिका पर हुई सुनवाई
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के निवासी गोला पाण्डेय की याचिका पर दिया गया। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा कि उनके खिलाफ नगर थाने में एक एफआईआर दर्ज है, जिसके कारण उनका पासपोर्ट रिन्यू नहीं किया जा रहा है। पासपोर्ट की वैधता समाप्त हो चुकी थी और अधिकारियों ने आपराधिक मामला लंबित होने का हवाला देकर नवीनीकरण प्रक्रिया रोक दी थी।
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