बुंदेलखंड उत्तर प्रदेश के बाकी क्षेत्रों के मुकाबले पिछड़ा रहा, पर अब इसे विकास की रफ्तार में शामिल करने की जोरदार तैयारी है। इसके लिए बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) का गठन किया गया है।
Uttar Pradesh Ground Breaking Ceremony : नोएडा मॉडल पर विकसित होगा बुंदेलखंड, 35 हजार एकड़ भूमि पर तैयार होगा औद्योगिक शहर
Feb 14, 2024 19:45
Feb 14, 2024 19:45
- झांसी में औद्योगिक शहर विकसित करने की तैयारी
- 14 सितंबर को हुआ था बीडा का गठन
- दलहन और तिलहनी फसलों की प्रमुखता वाला क्षेत्र है बुंदेलखंड
झांसी के निकट बीडा की शुरुआत
क्षेत्र की तरक्की के लिए सरकार ने बुंलेदखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) बनाया है। नए मॉडल के तहत बुंदेलखंड को नोएडा की तर्ज पर विकसित करने की योजना है। झांसी के निकट बीडा का गठन हुआ। भौगालिक संरचना और कम वर्षा होने के कारण यहां कृषि और फसलों की स्थिति अच्छी नहीं है। अधिकांश आबादी खेती-किसानी पर निर्भर है, लेकिन मिट्टी अधिक उपजाऊ नहीं है। इस कारण यह क्षेत्र अन्य के मुकाबले समृद्ध नहीं हो सका था।
दलहन और तिलहनी फसलों की प्रमुखता वाला क्षेत्र
पिछले दिनों हुए सर्वेक्षण में पाया गया था कि बुंदेलखंड की भौगौलिक स्थिति, मौसम और पानी के मूल स्रोत काफी हद तक इजरायल जैसे हैं। लेकिन पर वहां तकनीक की मदद से आलू, तरबूज, खरबूजा समेत सभी प्रमुख फसलें उगाई जाती हैं जबकि बुंदेलखंड में दलहनी और तिलहनी फसलों की प्रमुखता है। इजरायल में जमीन प्रबंधन का तरीका सामुदायिक है जिसे किबुत्ज कहा जाता है। इससे सबक लेकर क्षेत्र में विकास की कई योजनाएं बनाई जा रही हैं।
पहली बैठक में लिए गए अहम फैसले
नए वर्ष के शुरुआती हफ्ते में अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने झांसी के किसान मंडी स्थित दफ्तर में बीडा की पहली बैठक ली और अहम फैसले लिए। प्राधिकरण के गठन के बाद बीडा बोर्ड की यह पहली बैठक थी। मनोज कुमार सिंह ने कहा कि लगभग 47 वर्षों के बाद उत्तर प्रदेश एक नया शहर बनाने की शुरुआत कर रहा है। यह बुंदेलखंड का नोएडा होगा, बल्कि उससे भी बेहतर शहर बनेगा। इसके तहत विश्व स्तरीय औद्योगिक टाउनशिप विकसित करने का लक्ष्य है।
लैंड बैंक बनाने का काम शुरू
प्राधिकरण का पहला फोकस जमीन अधिग्रहण पर हैं। इसके बाद विश्व स्तरीय सलाहकार बुलाकर मास्टर प्लान और डेवलपमेंट प्लान तैयार कराया जाएगा। जमीन अधिग्रहण और प्लान तैयार करने का काम एक साथ जारी रहेगा। बीडा के गठन के लिए योगी सरकार द्वारा दिए गए पांच हजार करोड़ के ऋण से यहां 36 गांवों की 14258 हेक्टेयर जमीन की खरीद का काम शुरू हो चुका है। इससे औद्योगिक विकास के लिए लैंड बैंक बनाया जाएगा। इसके साथ ही अन्य सुविधाओं का विकास भी किया जाएगा।
तैयार किया जाएगा औद्योगिक शहर
यह पहला मौका है जब 47 साल बाद इस तरह का औद्योगिक विकास प्राधिकरण बनाया जा रहा है। इस परियोजना के पहले चरण में झांसी के 33 गांवों की 35,000 एकड़ भूमि का अधिग्रहण करके एक औद्योगिक शहर तैयार किया जाएगा। इस जमीन की कीमत करीब 6,312 करोड़ रुपये आंकी गई। अधिग्रहित जमीन पर वस्त्र, सिरेमिक, खाद्य प्रसंस्करण, वेयरहाउसिंग, कोल्ड चेन सुविधाओं जैसे उद्योग लगाए जाने की योजना है। पहले चरण में 13 गांवों की 6,115 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण और विकास प्रस्तावित है। पिछले साल फरवरी में हुई यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेशकों ने बुंदेलखंड में निवेश को लेकर उत्साह दिखाया था। बीते साल एक अगस्त को हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के गठन और जमीन खरीदने के लिए 5000 करोड़ रुपये की कार्ययोजना को मंजूरी दी थी। मौजूदा वित्तीय वर्ष (2023-24) में भी इतना ही यानी 5,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री औद्योगिक क्षेत्र विस्तार एवं नवीन औद्योगिक क्षेत्र प्रोत्साहन योजना के तहत लोन का प्रावधान होगा। चिन्हित भूमि राष्ट्रीय राजमार्ग-44 और राष्ट्रीय राजमार्ग-27 के करीब है। डिफेंस कारिडोर के झांसी नोड से इसकी दूरी 70 किलोमीटर, चित्रकूट नोड से 222 किमी, कानपुर से 210 किमी, लखनऊ से 285 किमी और ग्वालियर से 55 किमी है।
14 सितंबर को हुआ था बीडा का गठन
उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम के तहत बीते साल 14 सितंबर को बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण का गठन किया गया था। इस लिहाज से यह सबसे नया प्राधिकरण है। बीडा की कमान सीईओ अमृत त्रिपाठी के हाथों में है। प्रवेन्द वर्मा असिस्टेंट सीईओ होंगे। नई औद्योगिक टाउनशिप के लिए प्राधिकरण में एक सीईओ, दो एसीईओ और चार विशेष कार्याधिकारी होंगे। इंजीनियरिंग विभाग में एक चीफ जनरल मैनेजर, दो जीएम, चार डीजीएम के अलावा 180 नए पद होंगे। बीडा कम से कम 30 हजार वर्ग फीट में कार्यालय तैयार कर रहा है। इसमें केबिन, मीटिंग हॉल, और अन्य सुविधाएं होंगी।
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