इटावा में एक युवती अपना जेंडर चेंज कराने के बाद शालिनी से शानू बन गई। शालिनी उर्फ शानू का कहना है कि मैं बचपन से ही मुझे लड़का बनने का शौक था। उसका पालन—पोषण भी लड़कों की तरह हुआ था।
Gender Change : जेंडर चेंज कराकर शालिनी से बना शानू, बचपन से लड़का बनने का था शौक
Jun 09, 2024 01:20
Jun 09, 2024 01:20
इटावा के सुल्तानपुर मोहल्ले में रहने शालिनी उर्फ शानू (28) के पिता होमगार्ड हैं। शालिनी की मां हाउस वाइफ हैं। शालिनी उर्फ शानू ने बताया कि जेंडर डिस्फोरिया के तहत उसे लड़कों की तरह रहना पसंद था। उसे लड़कों के साथ खेलना और समय बिताना पसंद था। शालिनी ने जेंडर चेंज कराने का फैसला लिया। लिंग परिवर्तन के लिए अलग—अलग चरणों से गुजरना पड़ता है। पहली प्रक्रिया में साइकोलाजिकल इवोल्यूशन द्वारा होती है। इसमें साइकोलॉजिस्ट की अनुमति की जरूरत होती है।
हीन भावना से नहीं देखना चाहिए
इसके बाद हार्मोंस थेरेपी और फिर सर्जरी की प्रक्रिया होती है। शालिनी का कहना है कि जेंडर चेंज कराने के बाद मेरा जीवन आत्मविश्वास, आनंद और उत्साह से भर गया। मुझे अब पहले से बेहतर महसूस हो रहा है। मेरा मानना है कि जो लिंग परिवर्तन कराते हैं, उन्हें हीन भावना से नहीं देखा जाना चाहिए। उनकी भावनाओं और वैचारिक स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए। शालिनी ने जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम) का कोर्स किया है।
जेंडर डिस्फोरिया के लक्षण
आर्युविज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के जनरल सर्जरी विभाग के प्रो डॉ सोमेंद्र पाल ने बताया कि जेंडर डिस्फोरिया के लक्षण के कारण देखा गया है कि लड़की, लड़कों की तरह और लड़की, लड़की की तरह जीना चाहते हैं। लेकिन समाज के डर की वजह से इस परिवर्तन को बता नहीं पाते हैं। जब वो अपने जीवन को समान्य बनाना चाहते हैं, तब जेंडर चेंज कराने का फैसला करते हैं। इस प्रक्रिया में लाखों रुपए का खर्च आता है।
Also Read
5 Jan 2025 04:20 PM
कन्नौज जिले के ठठिया थाना क्षेत्र के उमरन गांव में एक विवाद सामने आया है, जहां आरोप है कि लगभग साढ़े सात बीघा मंदिर की जमीन पर अवैध रूप से मजार का निर्माण किया गया है। और पढ़ें