कानपुर में गणेश महोत्सव को लेकर पूरे शहर में धूम दिखाई दी,कानपुर में मूर्ति की सबसे बड़ी बाजार निराला नगर से लोग गाजे बाजे के साथ अपने घरों और पंडालों में गणेश जी को स्थापित करने के लिए ले गए।धूमधाम से महोत्सव मनाने के लिए इस बार शहर के पंडालों की संख्या भी ज्यादा है।
Kanpur News : शुभ मुहूर्त पर विराजमान हुए गणपति बप्पा, गाजे-बाजे के साथ लोगों ने किया स्वागत
Sep 07, 2024 17:48
Sep 07, 2024 17:48
पूजन के बाद पंडालों में स्थापित
शुभ मुहूर्त के अनुसार, आज गणेश जी को पूजन के बाद विभिन्न पंडालों में स्थापित किया गया। शहर में महल और महाराजा की तर्ज पर बड़े पंडाल सजाए गए हैं, जिनमें 15 फीट से लेकर 3 फीट तक की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। इसके साथ ही, घरों में मिट्टी के छोटे गणेश भी काफी खरीदे गए हैं। शुक्रवार शाम से रात तक, मूर्तियां महोत्सव कमेटियों द्वारा गाजे-बाजे के साथ पंडालों के लिए रवाना की गईं।
गणेश परिवार तैयार किए गए
महोत्सव कमेटी के सदस्यों की मांग पर विभिन्न गणेश परिवार तैयार किए गए हैं। साकेतनगर, बर्रा, गोल चौराहा जैसे क्षेत्रों से मूर्तियां लेकर कमेटी के सदस्य आतिशबाजी करते हुए पंडालों के लिए रवाना हुए। शहर में महलों की तर्ज पर भव्य पंडाल सजाए जा रहे हैं। सिविल लाइन, खलासी लाइन, ग्वालटोली, नवाबगंज, विकासनगर, गोविंदनगर, किदईनगर, रतनलालनगर, बर्रा विश्वबैंक, और गुंजन विहार जैसे स्थानों पर बड़े-बड़े पंडालों में गणेश जी की मूर्तियां विराजमान की गई हैं।
शतभिषा नक्षत्र का संयोग
इस बार गणेश महोत्सव के दौरान कई शुभ मुहूर्त रहे। शनिवार को सुबह 10:51 बजे से दोपहर 1:21 बजे तक गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त रहा, जो 2 घंटे 30 मिनट तक चला। 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन शतभिषा नक्षत्र का संयोग भी है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, गणेश की मूर्ति को घर के ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना चाहिए। अगर इस दिशा में स्थान उपलब्ध नहीं हो, तो मूर्ति को पूर्व, पश्चिम या उत्तर दिशा में भी स्थापित किया जा सकता है।
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