कन्नौज में एक बुजुर्ग व्यक्ति ने जिला अधिकारी (डीएम) से अपनी समस्या साझा की। बुजुर्ग ने डीएम के सामने कहा कि उन्हें सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित कर दिया गया है, जबकि वह अभी जीवित हैं और उनके सामने खड़े हैं। इस वजह से उन्हें सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ मिलना बंद हो गया है।
डीएम से गुहार : बुजुर्ग ने कहा- 'मैं जीवित हूं, लेकिन कागजों में मृत घोषित, योजनाओं का लाभ बंद
Jan 01, 2025 17:55
Jan 01, 2025 17:55
जिसकी वजह से मुझको सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना भी बंद हो गया। डीएम सुभ्रान्त कुमार शुक्ला ने प्रार्थना पत्र लेकर सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने क आश्वासन दिया है। तिर्वा कोतवाली क्षेत्र स्थित वाहिदपुर गांव में रहने वाले हरनाथ पाल को आठ साल पहले सरकारी भिलेखों में मृत घोषित कर दिया गया था। इसके बाद से उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
सरकारी योजनाओं का नहीं मिल रहा लाभ
किसान सम्मान निधि भी उनके बैंक खाते में आनी बंद हो गई। उसने कृषि विभाग और विकास भवन में जाकर अधिकारियों और कर्मचारियों से संपर्क किया। अधिकारियों ने उसे बताया कि सरकारी दस्तावेजों में मृतक घोषित है। सरकारी योजनाओं का लाभ पाना है, तो पहले सरकारी दस्तावेजों में खुद को जीवित दिखाना पड़ेगा।
सरकारी दस्तावेजों में जीवित नहीं हो पाया
इसके बाद खुद को जिंदा साबित करने के लिए अपने कागज लेकर सरकारी दफ़्तरों के चक्कर काटने लगा। कई बार उन्हें बताया गया कि कागजों में जो मिस्टेक थी, उसे ठीक कर दिया गया है। इसके बाद भी हरनाथ पाल सरकारी कागजों में जीवित नहीं हो पाए। जिसकी वजह से उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
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