जब बोर्ड की स्थापना हुई थी, तब केवल 2,000 मदरसों को मान्यता प्राप्त थी। आज यह संख्या बढ़कर 16,460 हो गई है, लेकिन कर्मचारियों की संख्या लगभग वही बनी हुई है।
यूपी मदरसा बोर्ड : कर्मचारियों की भारी किल्लत से प्रशासनिक काम प्रभावित, 18 साल से स्थायी रजिस्ट्रार का इंतजार
Jan 04, 2025 12:08
Jan 04, 2025 12:08
18 वर्षों से स्थायी रजिस्ट्रार की नियुक्ति लंबित
बोर्ड का गठन वर्ष 2007 में हुआ था। लेकिन, इसके बाद से अब तक स्थायी रजिस्ट्रार की नियुक्ति नहीं हो पाई है। रजिस्ट्रार का काम संयुक्त निदेशक और उप निदेशक स्तर के अधिकारियों को अतिरिक्त चार्ज देकर चलाया जा रहा है। स्थायी रजिस्ट्रार की अनुपस्थिति के कारण प्रशासनिक कार्यों में देरी हो रही है।
बढ़ते मदरसे, घटते कर्मचारी
जब बोर्ड की स्थापना हुई थी, तब केवल 2,000 मदरसों को मान्यता प्राप्त थी। आज यह संख्या बढ़कर 16,460 हो गई है, लेकिन कर्मचारियों की संख्या लगभग वही बनी हुई है। इन मदरसों के संचालन से जुड़ी सभी जिम्मेदारियां, जैसे परीक्षा फॉर्म भरवाना, प्रवेश पत्र जारी करना, मार्कशीट सत्यापन, कोर्ट केस, और सूचना के अधिकार (RTI) के मामलों का निपटारा करना, केवल 7 कर्मचारियों पर निर्भर है।
रिक्त पदों पर नियुक्ति में देरी
बोर्ड के रिक्त 26 पदों पर नियुक्ति के लिए शासन को बार-बार प्रस्ताव भेजे गए हैं। हालांकि, मंजूरी न मिलने के कारण भर्ती प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है। रजिस्ट्रार आर.पी. सिंह के अनुसार, जब तक अधियाचन को मंजूरी नहीं मिलती, तब तक नई नियुक्तियां संभव नहीं हैं।
बोर्ड के कर्मचारी और उनकी भूमिका
वर्तमान समय में बोर्ड में तैनात 7 कर्मचारियों को बड़े पैमाने पर कार्यभार संभालना पड़ रहा है। पासपोर्ट से संबंधित मार्कशीट सत्यापन जैसे मामले सबसे अधिक लंबित रहते हैं। इससे दूसरे जिलों के विद्यार्थियों को बार-बार लखनऊ आना पड़ता है, जिससे उनकी समय और ऊर्जा की बर्बादी होती है।
स्वीकृत और तैनात पदों की सूची
बोर्ड में स्वीकृत पदों की सूची कुछ इस प्रकार है:
- रजिस्ट्रार : 1
- उप रजिस्ट्रार-निरीक्षक : 2
- सहायक लेखाधिकारी : 1
- वरिष्ठ सहायक : 6
- कनिष्ठ सहायक : 9
- आशुलिपिक : 2
- परिचारक-स्वीपर : 7
मदरसों और विद्यार्थियों की परेशानी
छात्रों को मार्कशीट सत्यापन, परीक्षा केंद्र निर्धारण और अन्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं के लिए परेशान होना पड़ता है। पासपोर्ट सत्यापन जैसे कार्यों में देरी से विद्यार्थियों के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। मदरसा शिक्षा परिषद के कामकाज को सुचारु बनाने के लिए स्थायी रजिस्ट्रार की नियुक्ति और खाली पदों पर भर्ती अत्यंत आवश्यक है। कर्मचारियों की कमी के कारण बोर्ड के प्रशासनिक कार्यों में देरी हो रही है, जिससे मदरसों और छात्रों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
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