कानपुर मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में एक बार फिर डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आया है। जहां मरीज को समय पर इलाज न मिलने पर मरीज की जान चली गई। परिजनों...
Kanpur News : हैलट अस्पताल में गजब की लापरवाही, समय पर नहीं मिला इलाज तो मरीज ने...
Mar 11, 2024 16:03
Mar 11, 2024 16:03
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, योगेंद्र पाल (47) उरई के रहने वाले थे। उनको आंखों से दिखाई नहीं देता था। भांजे सनी भास्कर ने बताया कि रविवार को मामा बस से कुछ सामान लेने के लिए बाजार तक गए थे। बस से उतरते ही बगल से आ रहे ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी। इस हादसे में उनका पैर बुरी तरह से जख्मी हो गया था। पास के ही निजी अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया था, जहां पर टांके लगाने के बाद मामा को हैलट अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था। सनी ने बताया कि शाम को 6 बजे हम लोग मामा योगेंद्र पाल को लेकर हैलट अस्पताल पहुंचे तो यहां डॉक्टरों ने देखते ही कहा कि टांके लग तो गए हैं। अब यहां क्यों लाए हो। परिजनों ने कहा कि उनकी हालत गंभीर है और उन्हें दिल की भी बीमारी है। इसलिए डॉक्टर ने यहां के लिए रेफर किया है। इसके बावजूद किसी डॉक्टर ने नहीं देखा। वह काफी देर दर्द से तड़पते रहे। सनी ने बताया कि डॉक्टर कहने लगे कि चोट लगी है तो दर्द होगा ही। इसके बाद एक डॉक्टर ने जांच कराने के लिए एक व्यक्ति को 1100 रुपए भी दिलवाए, लेकिन वह व्यक्ति कौन था, नहीं पता। उसने यह जरूर कहा था कि डॉ. आलोक के पास सारी रिपोर्ट पहुंच जाएगी। रात करीब 10 बजे मामा की मौत हो गई। इसके बाद ना तो वह व्यक्ति पैसा वापस करने आया ना ही किसी प्रकार की रिपोर्ट देने आया।
सीएमएस ने दिया कार्रवाई का भरोसा
इस मामले पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके सिंह ने कहा कि उरई के रहने वाले मृतक योगेंद्र के परिजनों ने शिकायत की है। उसकी पूरी बात मैंने अपने ऑफिस में सुनी है। जिस भी डॉक्टर ने ऐसा काम किया है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल इस पूरे मामले की जांच की जा रही है।
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