कानपुर मेट्रो रेल परियोजना निर्माण के अंतर्गत लगातार तेजी से कार्य किया जा रहा है।इसी क्रम में अब कॉरिडोर-1 (आईआईटी - नौबस्ता) के अंतर्गत स्वदेशी कॉटन मिल से कानपुर सेंट्रल तक लगभग 2.40 किमी लंबे स्ट्रेच के ‘डाउनलाइन‘ पर टनल निर्माण के लिए ‘विद्यार्थी‘ टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम मशीन) को लॉन्च कर दिया गया।
Kanpur Metro : कॉटन मिल से लॉन्च हुई विद्यार्थी टीबीएम मशीन
Sep 23, 2024 10:34
Sep 23, 2024 10:34
पिछले कुछ दिनों में चली लोअरिंग प्रक्रिया के दौरान सबसे पहले ‘विद्यार्थी‘ टीबीएम मशीन के मिडिल शील्ड, फ्रंट शील्ड, टेल शील्ड, कटर हेड आदि विभिन्न हिस्सों को स्वदेशी कॉटन मिल के निकट स्थित लॉन्चिंग शाफ्ट में उतारा या लोअर किया गया। इसके बाद इन भागों को संरेखित करने और यांत्रिक घटकों, तारों आदि से जोड़ने के बाद आज मशीन को ‘डाउनलाइन‘ पर कानपुर सेंट्रल की दिशा में लॉन्च कर दिया गया।
2.40 किमी लंबे उक्त स्ट्रेच के ‘अप-लाइन‘ पर ‘आजाद‘ टीबीएम मशीन अपना इनिशियल या प्रारंभिक ड्राइव पहले ही पूरा कर चुकी थी और अब बैकअप सिस्टम यूनिट से जुड़ जाने के बाद इसका मैन या मुख्य ड्राइव आरंभ हो गया है। इस दौरान निर्माणाधीन टनल में रिंग सेग्मेंट मशीन तक पहुंचाने और उत्खनन के बाद मिट्टी को बाहर लाने के लिए लोको पायलट का प्रयोग भी आरंभ कर दिया गया है जिससे आने वाले समय में टनलिंग प्रक्रिया में और भी तेजी आएगी।
जानकारी के मुताबिक कॉरिडोर-1 के अंतर्गत लगभग 8.20 किमी लंबे अंडरग्राउंड सेक्शन में चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, नयागंज, कानपुर सेंट्रल, झकरकटी और ट्रांसपोर्ट नगर, कुल 7 अंडरग्राउंड स्टेशन हैं। मैकरॉबर्टगंज स्थित रैंप एरिया से कानपुर सेंट्रल तक टनल निर्माण की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद अब कानपुर सेंट्रल स्टेशन से स्वदेशी कॉटन मिल के पास स्थित रैंप एरिया तक लगभग 2.40 किलोमीटर लंबे अंडरग्राउंड स्ट्रेच में टनल का निर्माण किया जा रहा है। इसी स्ट्रेच में झकरकटी और ट्रांसपोर्ट नगर स्टेशन भी पड़ते हैं। स्वदेशी कॉटन मिल से लॉन्च होने के बाद टीबीएम मशीन जमीन के अंदर ही अंदर इन स्टेशनों से होते हुए कानपुर सेंट्रल तक पहुंचेगी। इसके साथ ही कॉरिडोर-1 के टनल निर्माण का कार्य पूरा हो जाएगा। आईआईटी से नौबस्ता की तरफ जाने वाली ट्रेनें इसी टनल के रास्ते रैंप से ऊपर आएंगी और एलिवेटेड रूट से नौबस्ता पहुंचेंगी।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा कि, “कानपुर मेट्रो द्वारा आज स्वदेशी कॉटन मिल के निकट स्थित रैंप एरिया से कानपुर सेंट्रल मेट्रो स्टेशन तक टनल निर्माण के लिए ‘विद्यार्थी‘ टीबीएम मशीन को ‘डाउनलाइन‘ पर लॉन्च कर दिया गया है। इस स्ट्रेच पर दोनों टनल का निर्माण हो जाने के बाद कॉरिडोर-1 के टनलिंग का कार्य पूरा हो जाएगा। मुझे खुशी है कि कानपुर मेट्रो की टीम शहर के सबसे भीड़भाड़ वाले और व्यस्ततम इलाकों के नीचे से टनल निर्माण के चुनौतीपूर्ण कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम दे रही है। मेट्रो निर्माण का मतलब केवल खाली जगह पर सीमेंट और स्टील के ढांचे खड़ा करना नहीं है, बल्कि लोगों को समझाना, रास्ते तलाशना, स्थानीय अधिकारियों के साथ संपर्क बनाना भी इस कार्य का अभिन्न हिस्सा है। हमें भी कई बार लोगों और जमीनी परिस्थितियों से मेल बैठाते हुए योजनाओं और डिजाइन्स में परिवर्तन करना पड़ा। विभिन्न विभागों के अंतर्गत आने वाली पेयजल की लाइन, बिजली, सड़क आदि जरूरी सुविधाओं को प्रभावित किए बिना, सबकी सहमति और समन्वय से इस महती कार्य को अंजाम देना अपने आप में 'ह्यूमन इंजीनियरिंग' है। समय की बचत के लिए हमारी टीम आपसी तालमेल और सहयोग से टनल, ट्रैक और स्टेशन निर्माण के साथ-साथ सिस्टम इंस्टॉलेशन का कार्य भी कर रही है। हमें पूरा विश्वास है कि कॉरिडोर-1 (आईआईटी - नौबस्ता) के प्रॉयोरिटी कॉरिडोर (आईआईटी - मोतीझील) के तरह ही बैलेंस सेक्शन पर भी सभी सिविल निर्माण कार्य सुनियोजित ढंग से पूरे किए जाएंगे।
वर्तमान में, लगभग 24 किमी लंबे कॉरिडोर-1 (आईआईटी-नौबस्ता) के अंतर्गत कानपुर मेट्रो की यात्री सेवाएं 9 किमी लंबे प्रॉयोरिटी कॉरिडोर (आईआईटी-मोतीझील) पर चल रहीं हैं। चुन्नीगंज-नयागंज और कानपुर सेंट्रल-ट्रांसपोर्ट नगर भूमिगत सेक्शन के अलावा लगभग 5 किमी लंबे बारादेवी-नौबस्ता एलिवेटेड सेक्शन में भी निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। लगभग 8.60 किमी लंबे कॉरिडोर-2 (सीएसए-बर्रा 8) के दोनों सेक्शन का निर्माण कार्य भी जारी है।
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