कानपुर यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राकेश शर्मा ने भूसे और अन्य पादप सामग्री से एथेनॉल निर्माण की एक नवीन तकनीक विकसित की है। इस प्रक्रिया की सबसे खास विशेषता यह है कि यह एथेनॉल के साथ-साथ बिजली का भी उत्पादन करती है।
भूसे से एथेनॉल का निर्माण : कानपुर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने खोजा हरित ऊर्जा का नया स्रोत, बिजली उत्पादन में आएगी काम
Aug 15, 2024 00:58
Aug 15, 2024 00:58
- इस पहल से पर्यावरण को होगा फायदा
- देश की ऊर्जा सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान
एथेनॉल लक्ष्य को मिलेगी मजबूती
सरकार ने 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल के मिश्रण का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए लगभग 1060 करोड़ लीटर एथेनॉल की आवश्यकता होगी। इस ऐवज में, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) के लाइफ साइंस विभाग में डॉ. राकेश शर्मा द्वारा किया गया शोध बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने भूसे और अन्य पादप सामग्री से न केवल एथेनॉल बनाने की विधि विकसित की है, बल्कि इस प्रक्रिया में बिजली का उत्पादन भी किया जा रहा है।
पर्यावरण को होगा फायदा
डॉ. राकेश शर्मा, एसोसिएट डीन कैंपस रिसर्च प्रोमोशन, ने हाल ही में बताया कि आने वाले समय में एथेनॉल की मांग में तेजी आने वाली है। इस दिशा में उन्होंने 4 साल पहले रिसर्च शुरू की थी। वर्तमान में, गेहूं और धान की कटाई के बाद निकलने वाले वेस्ट मटेरियल को खेतों में जलाने की प्रक्रिया से वातावरण को भारी नुकसान हो रहा है। इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए, शोधकर्ताओं ने प्लांट मटेरियल से एथेनॉल बनाने में सफलता प्राप्त की है। अनुसंधान के अनुसार, यदि 100 ग्राम भूसे का उपयोग किया जाए, तो इससे 10 ग्राम एथेनॉल प्राप्त होता है, साथ ही 50 ग्राम भूसा भी वापस मिल जाता है। यह प्रक्रिया न केवल पर्यावरण को संरक्षण प्रदान करती है, बल्कि किसानों को भी आर्थिक लाभ देती है।
एथेनॉल निर्माण की प्रक्रिया और समय
डॉ. राकेश शर्मा ने भूसे से एथेनॉल और बिजली बनाने की एक अनोखी विधि विकसित की है। यह प्रक्रिया बहुत सरल है, पहले, लैब में लाए गए भूसे को सफेद कवक (वाइट फंगस) के साथ मिलाया जाता है। करीब दस दिनों में, यह मिश्रण ग्लूकोज में बदल जाता है। फिर इसमें खमीर (ईस्ट) मिलाकर ग्लूकोज को अलग किया जाता है। अगले चरण में, इस ग्लूकोज को एथेनॉल में परिवर्तित किया जाता है। यहाँ एक और रोचक बात है - जब ग्लूकोज एथेनॉल में बदलता है, तो इस प्रक्रिया में कुछ इलेक्ट्रॉन भी पैदा होते हैं। वैज्ञानिक इन इलेक्ट्रॉनों को इकट्ठा करके बैटरी में संग्रहित कर लेते हैं, जिससे बिजली का उत्पादन होता है। इस तरह, एक ही प्रक्रिया से दो महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत - एथेनॉल और बिजली - प्राप्त किए जा रहे हैं।
Also Read
23 Nov 2024 12:01 PM
कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट से एक ऑडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।जिसमें एक भाजपा नेता सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी को धमकाते हुए सुनाई दे रहा है। हालांकि इस वायरल ऑडियो की पुष्टि उत्तर प्रदेश टाइम्स नहीं करता है। और पढ़ें