कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने दीपावली के मौके पर वनखंडेश्वर मंदिर में शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। इसके साथ ही पूजा अर्चना कर दीपक जलाया। नसीम सोलंकी ने पति की जेल से रिहाई और जीत की दुआ की। सोलंकी परिवार की राजनीतिक विरासत संभालने की जिम्मेदारी नसीम. के कंधों पर है।
Sisamau By-Election: सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने वनखंडेश्वर मंदिर में किया जलाभिषेक, पूजा-अर्चना कर दीपक जलाया, उपचुनाव में जीत-पति की रिहाई की कामना
Nov 01, 2024 15:37
Nov 01, 2024 15:37
- सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने ससुराल में सीखा राजनीति का हुनर।
- मायका पक्ष बेहद साधारण और मिडिल क्लास परिवार, जिसका राजनीति से कोई वास्ता नहीं रहा।
- शादी के पति ने लड़े चार विधानसभा चुनाव, और सभी में जीत दर्ज की।
नसीम सोलंकी ने कहा कि जिस प्रकार मेरे ससुर हाजी मुश्ताक सोलंकी और पति इरफान सोलंकी ने जनता की सेवा की। समाज के हर वर्ग की निस्वार्थ भाव से समाज के हित के लिए काम किया है। उसी प्रकार मैं भी क्षेत्र की जनता की सेवा करूंगी। उन्होंने कहा कि सपा के राष्ट्रीयjju अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुझ पर भरोसा जताया है, और सीसामऊ से प्रत्याशी बनाया। मेरे साथ भगवान शिव और क्षेत्र की जनता का आशीर्वाद है।
राजनीतिक पार्टियों ने प्रतिष्ठा दांव पर लगाई
सीसामऊ विधानसभा सीट का उपचुनाव बड़ा ही दिलचस्प हो गया है। इस सीट पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई है। सपा मुखिया अखिलेश यादव और सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ खुद सीसामऊ सीट की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए सपा और बीजेपी ने प्रदेश स्तर के नेताओं को जमीन पर उतारा है। सपा मुखिया जल्द ही सीसामऊ सीट पर सभा करने वाले हैं। वहीं, मुख्यमंत्री योगीनाथ एक जनसभा पहले ही कर चुके हैं।
शादी बाद आई राजनीति की समझ
नसीम सोलंकी ने बताया कि उनका राजनीति से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं रहा है। मेरे मायके में राजनीति से कोई लेनादेना नहीं था, मैं बहुत ही सिंपल और मिडिल क्लास परिवार हूं। उन्होंने ने राजनीति की एबीसीडी शादी के बाद ससुराल में सीखी। नसीम की 2003 में इरफान से शादी हुई, इसके बाद 2004 में ससुर हाजी मुस्ताक सोलंकी संसदीय चुनाव लड़े। इसके बाद पति इरफान सोलंकी लगातार चार बार विधानसभा चुनाव लड़े और जीते भी। यहीं से मुझे भी राजनीति का हुनर सीखने का मौका मिला।