टीबी उन्मूलन अभियान के तहत उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में टीबी के मरीज पाए गए। सर्वाधिक मरीज कुशीनगर में मिले, जहां 1104 रोगियों की पहचान की गई। इसके अलावा गोरखपुर में 414, एटा में 379, लखनऊ में 345, मेरठ में 303, महाराजगंज में 272, गोंडा में 271, प्रयागराज में 262 और शाहजहांपुर में 225 टीबी मरीज पाए गए हैं।
यूपी में सितंबर में खोजे गए 11595 टीबी मरीज : 4.38 लाख लोगों की हुई जांच, जानें कहां मिले सबसे ज्यादा केस
Oct 23, 2024 19:27
Oct 23, 2024 19:27
प्रदेश की 20 प्रतिशत आबादी की जांच
राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि इस अभियान के तहत प्रदेश की लगभग 20 प्रतिशत आबादी के घर-घर जाकर स्वास्थ्य कर्मियों ने टीबी के संभावित लक्षणों की जांच की। कुल 4.50 लाख लोगों में टीबी के लक्षण देखे गए। इनमें 4.38 लाख लोगों की बलगम और एक्स-रे जांच कराई गई, जिनसे टीबी की पुष्टि हुई।
पल्मोनरी और एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी के मामले
अभियान के दौरान पाए गए 11595 टीबी मरीजों में से 5381 लोग पल्मोनरी (फेफड़ों से संबंधित) टीबी से पीड़ित थे, जबकि 6214 लोग एक्स्ट्रा पल्मोनरी (फेफड़ों के अलावा अन्य अंगों से संबंधित) टीबी से प्रभावित पाए गए। सभी रोगियों की डायबिटीज, एचआईवी और दवाओं के प्रति संवेदनशीलता की जांच कराई गई और उनका विवरण 'निक्षय' पोर्टल पर दर्ज कर दिया गया है।
कुशीनगर में सबसे अधिक टीबी मरीज
टीबी उन्मूलन अभियान के तहत उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में टीबी के मरीज पाए गए। सर्वाधिक मरीज कुशीनगर में मिले, जहां 1104 रोगियों की पहचान की गई। इसके अलावा गोरखपुर में 414, एटा में 379, लखनऊ में 345, मेरठ में 303, महाराजगंज में 272, गोंडा में 271, प्रयागराज में 262 और शाहजहांपुर में 225 टीबी मरीज पाए गए हैं।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अभियान
यह अभियान न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में, बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी चलाया गया। विशेषकर अनाथालय, खदानें, स्टोन क्रशर, साप्ताहिक बाजार, मदरसे, वृद्धाश्रम, सब्जी मंडियां, जेल और मलिन बस्तियों में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों की जांच की गई।
टीबी के प्रमुख लक्षण
- दो हफ्ते से अधिक खांसी और बुखार
- बलगम में खून आना
- भूख कम लगना
- वजन का लगातार घटते रहना
- रात में पसीना आना
- गले में गांठ होना
- महिलाओं में बांझपन की समस्या
पाए गए मरीजों का उपचार तुरंत शुरू कर दिया गया है। सभी रोगियों की जानकारी निक्षय पोर्टल पर दर्ज कर दी गई है, जहां उनकी नियमित निगरानी की जाएगी। सरकार की इस पहल का उद्देश्य 2025 तक देश से टीबी को पूरी तरह समाप्त करना है।
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