नए विभागों का प्रमुख उद्देश्य बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ी विशिष्ट समस्याओं का निदान और उपचार करना है। निदेशक ने बताया कि उत्तर प्रदेश की आबादी में 40 प्रतिशत हिस्सा 18 साल तक की आयु वर्ग का है। ऐसे में इन विभागों का उद्देश्य बच्चों को विशेषज्ञ सेवाएं प्रदान करना है, जिसमें उनकी बीमारियों का गहन उपचार शामिल है।
Lucknow News : एसजीपीजीआई में आठ नए विभाग, 87 चिकित्सकों की नियुक्ति को मंजूरी
Nov 27, 2024 12:48
Nov 27, 2024 12:48
बच्चों के इलाज के लिए विशेष प्रयास
नए विभागों का प्रमुख उद्देश्य बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ी विशिष्ट समस्याओं का निदान और उपचार करना है। निदेशक ने बताया कि उत्तर प्रदेश की आबादी में 40 प्रतिशत हिस्सा 18 साल तक की आयु वर्ग का है। ऐसे में इन विभागों का उद्देश्य बच्चों को विशेषज्ञ सेवाएं प्रदान करना है, जिसमें उनकी बीमारियों का गहन उपचार शामिल है।
गवर्निंग बॉडी ने दी स्वीकृति
पीडियाट्रिक एंडोक्राइनोलॉजी विभाग : बच्चों में मधुमेह और हार्मोन से जुड़ी समस्याओं का निदान।
पीडियाट्रिक यूरोलॉजी और नेफ्रोलॉजी विभाग : गुर्दे और मूत्र संबंधी बीमारियों का इलाज।
सलोनी हार्ट सेंटर के तहत कार्डियोवैस्कुलर और थोरैसिक सर्जरी : बच्चों के जन्मजात हृदय रोगों की सर्जरी।
सिर और गर्दन की सर्जरी विभाग : सिर और गर्दन से संबंधित बीमारियों की विशिष्ट सर्जरी।
संक्रामक रोग विभाग : वायरल संक्रमण और वैक्सीन के विकास में योगदान।
टेलीमेडिसिन और डिजिटल स्वास्थ्य विभाग : तकनीक आधारित चिकित्सा सेवाएं।
ऑर्थोपेडिक विभाग : एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के तहत सर्जरी और हड्डियों से जुड़ी सेवाएं।
विभागों में नियुक्तियों का ब्योरा
पीडियाट्रिक एंडोक्राइनोलॉजी:
1 प्रोफेसर, 1 एसोसिएट प्रोफेसर, 3 असिस्टेंट प्रोफेसर
6 सीनियर रेजिडेंट, 7 नॉन पीजी रेजिडेंट
पीडियाट्रिक यूरोलॉजी:
1 प्रोफेसर, 2 एसोसिएट प्रोफेसर, 4 असिस्टेंट प्रोफेसर
6 सीनियर रेजिडेंट, 5 नॉन पीजी रेजिडेंट
सलोनी हार्ट सेंटर:
1 प्रोफेसर, 1 एसोसिएट प्रोफेसर, 3 असिस्टेंट प्रोफेसर
6 सीनियर रेजिडेंट, 4 नॉन पीजी रेजिडेंट
इस प्रकार सभी विभागों के लिए शिक्षकों और रेजिडेंट्स की नियुक्तियों को मंजूरी दी गई है।
प्रदेश सहित दूसरे राज्यों के मरीजों को मिलेगा लाभ
इन विभागों की स्थापना से उत्तर प्रदेश और आस-पास के राज्यों के मरीजों को उनके नजदीक ही उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी। खासतौर पर बच्चों की जटिल बीमारियों का विशेषज्ञ इलाज संभव होगा। इसके साथ ही टेलीमेडिसिन और डिजिटल स्वास्थ्य के माध्यम से तकनीक आधारित चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है। वहीं संक्रामक रोग विभाग में न केवल वायरल संक्रमण का प्रबंधन किया जाएगा, बल्कि यह वैक्सीन के विकास में भी योगदान देगा। यह विभाग महामारी जैसी स्थितियों में विशेष रूप से प्रभावी साबित होगा।
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