प्रदेश अध्यक्ष पवन भाई गुप्ता ने बुधवार प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि पिछले तीन महीनों में पार्टी में 20 हजार नए सदस्य जुड़ चुके हैं। पार्टी 2026 में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पूरी ताकत से उतरने की योजना बना रही है।
आरपीआई ने यूपी में संगठन विस्तार किया तेज : प्रदेश अध्यक्ष पवन भाई गुप्ता बोले- 2026 पंचायत चुनाव पर है फोकस
Nov 27, 2024 14:54
Nov 27, 2024 14:54
नए पदाधिकारियों की नियुक्ति
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी ने प्रदेश में सौ नए पदाधिकारियों की नियुक्ति की है, जो अपने-अपने क्षेत्रों में संगठन को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। आरपीआई पिछले छह वर्षों से उत्तर प्रदेश में सक्रिय है और समाज के दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक और वंचित वर्गों की आवाज बन रही है।
पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ आरपीआई का संघर्ष
पार्टी ने पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। खासकर देवरिया में दलित युवाओं पर पुलिस कार्रवाई के मामले में आरपीआई ने दरोगा को निलंबित कराकर पीड़ितों को न्याय दिलवाया। गुप्ता ने कहा कि आरपीआई हर तरह के अन्याय के खिलाफ खड़ी है और संविधान के आदर्शों को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए निरंतर काम कर रही है।
संगठन विस्तार पर चर्चा
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा,आरपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री डॉ. रामदास आठवले 29 नवंबर को लखनऊ आएंगे। यहां सिडको भवन में एक प्रदेश स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें जिलास्तरीय और प्रकोष्ठों के पदाधिकारी संगठन के विस्तार पर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। बैठक में कमजोर जिलों में संगठन को मजबूत करने के लिए नई रणनीतियों पर विचार होगा।
युवाओं को दी गई बड़ी जिम्मेदारी
पार्टी ने संगठन विस्तार में महिलाओं और युवाओं को अहम जिम्मेदारी दी है। महिला और युवा प्रकोष्ठ के कई नए जिलाध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं, जिनमें लखनऊ, बाराबंकी, गोंडा, हरदोई, मुरादाबाद जैसे जिलों के सक्रिय कार्यकर्ता शामिल हैं।
अधिकारों की रक्षा का संकल्प
पवन भाई गुप्ता ने कहा कि आरपीआई दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि पार्टी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संविधान के आदर्शों को लागू करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
Also Read
27 Nov 2024 05:04 PM
सरकार का लक्ष्य छात्राओं को बेहतर पोषण, शिक्षा और सुविधाएं प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है। बेसिक शिक्षा विभाग का मानना है कि यह कदम बालिकाओं के भविष्य की नींव मजबूत करेगा और उन्हें समाज में एक सशक्त भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करेगा। और पढ़ें