सेहत से खिलवाड़ : सरकारी अस्पतालों में दवाओं के नौ नमूने जांच में फेल, राष्ट्रीय स्तर पर काली सूची में डाली गई कंपनी

सरकारी अस्पतालों में दवाओं के नौ नमूने जांच में फेल, राष्ट्रीय स्तर पर काली सूची में डाली गई कंपनी
UPT | प्रतीकात्मक तस्वीर

Jan 08, 2025 05:37

ड्रग विभाग ने अक्तूबर 2023 में इन दवाओं के नौ नमूने वेयरहाउस से लिए और लैब में भेजे। रिपोर्ट में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के सभी नमूने फेल हो गए। दवाओं में नमी की शिकायत पाई गई, जिससे रैपर खोलने पर दवा पाउडर के रूप में बाहर निकल रही थी।

Jan 08, 2025 05:37

Lucknow News : सरकारी अस्पतालों में वितरित विटामिन बी कॉम्प्लेक्स दवाओं के नौ नमूने गुणवत्ता जांच में फेल पाए गए। ये दवाएं मेडिकल कार्पोरेशन के माध्यम से अक्तूबर 2023 में अस्पतालों को आपूर्ति की गई थीं। जनवरी 2024 में आई लैब रिपोर्ट में दवाओं की गुणवत्ता अधोमानक मिली, जिसके बाद कार्पोरेशन ने इन दवाओं की खेप अस्पतालों से वापस मंगाने का आदेश दिया है।

दवाओं की आपूर्ति करने वाली कंपनी पर जुर्माना
इन दवाओं की आपूर्ति मॉर्डन लेबोरेटरीज कंपनी ने की थी। इस कंपनी को दवा आपूर्ति का ठेका दिया गया था। लेकिन, दवाओं की गुणवत्ता घटिया साबित होने पर कंपनी पर जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही, कंपनी को राष्ट्रीय स्तर पर ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है, जिससे वह अब किसी भी राज्य में टेंडर में भाग नहीं ले सकेगी।



नमूनों की गुणवत्ता जांच प्रक्रिया
ड्रग विभाग ने अक्तूबर 2023 में इन दवाओं के नौ नमूने वेयरहाउस से लिए और लैब में भेजे। रिपोर्ट में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के सभी नमूने फेल हो गए। दवाओं में नमी की शिकायत पाई गई, जिससे रैपर खोलने पर दवा पाउडर के रूप में बाहर निकल रही थी। सरकारी लैब में जांच के बाद सप्लाई रोकने के निर्देश दिए गए हैं।

स्वास्थ्य पर असर : फेल हुए दवाओं के बैच नंबर
चिकित्सकों के मुताबिक गुणवत्ता में कमी वाली दवाएं मरीजों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं। ऐसी दवाओं का असर न के बराबर होता है, जिससे इलाज का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाता।
एनएफआई बैच नंबर इस प्रकार हैं : 
  • वीबीटी 2446 
  • वीबीटी 2458 
  • वीबीटी 2465 
  • वीवीटी 2466 
  • वीबीटी 2469 
  • वीवीटी 2482 
  • वीबीटी 2483 
  • वीबीटी 24671
इन बैच की दवाओं को तत्काल प्रभाव से अस्पतालों से वापस मंगाया जा रहा है।

ब्लैकलिस्टेड कंपनी के खिलाफ सख्त कदम
मॉडर्न लेबोरेटरीज द्वारा आपूर्ति की गई दवाओं की गुणवत्ता में कमी के कारण इसे ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। अब यह कंपनी किसी भी राज्य में दवा आपूर्ति के लिए टेंडर में भाग नहीं ले सकेगी। कार्पोरेशन के एमडी जगदीश के अनुसार इन दवाओं को अस्पतालों से वापस मंगाया जा रहा है और कंपनी पर जुर्माना भी लगाया गया है।

निजी लैब रिपोर्ट पर सवाल
मॉडर्न लेबोरेटरीज ने दवाओं की सप्लाई से पहले एक निजी लैब से नमूनों की जांच करवाई थी, जिसमें दवाएं पास हो गई थीं। लेकिन, सरकारी लैब में हुई जांच में सभी नमूने फेल हो गए। अधिकारियों का कहना है कि दवाओं में नमी आ जाने से उनकी गुणवत्ता खराब हो गई। मेडिकल कार्पोरेशन के एमडी ने स्पष्ट किया कि फिलहाल केवल फेल दवाओं की खेप को वापस किया जा रहा है। बाकी अन्य बैचों की जांच रिपोर्ट का इंतजार है। यदि और नमूने फेल होते हैं तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
 

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