नदी में नाव पर योगासन के अभ्यास से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इस तरह के अभ्यास से फेफड़े, हृदय और मांसपेशियों की कार्य क्षमता बढ़ती है।
Lucknow News : नदी में नाव पर योग करने से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
![नदी में नाव पर योग करने से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता](https://image.uttarpradeshtimes.com/news-46-18088.jpg)
Jun 04, 2024 03:08
Jun 04, 2024 03:08
शरीर में ऊर्जा और चेतना का स्तर बढ़ता है
यहां योग फैकल्टी के छात्रों ने प्रशिक्षक डॉ. रामकिशोर की अगुवाई में कई तरह के प्राणायाम, आसन और अनुलोम-विलोम किया। समन्वयक डॉ. अमरजीत यादव ने बताया कि प्राचीन मान्यता है कि नदी में नाव पर योगासन के अभ्यास से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इस तरह के अभ्यास से फेफड़े, हृदय और मांसपेशियों की कार्य क्षमता बढ़ती है। नदी में अभ्यास से मानव शरीर के फेफड़े सक्रिय हो जाते हैं। परिणाम स्वरुप शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा संतुलित होने लगती है। शरीर के लिए हानिकारक कार्बन डाइऑक्साइड तेजी से शरीर से बाहर निकलती है। इससे शरीर में ऊर्जा और चेतना का स्तर बढ़ता है।
लीवर-दिमाग रहता स्वस्थ
डॉ. अमरजीत यादव का कहना है कि नदी के जल में सूर्य की किरणों के पड़ने से उस स्थान पर विशेष प्रकार की ऊर्जा का प्रकटीकरण होता है। ऐसे वातावरण में योग करने से शरीर में रक्त परिसंचरण संतुलित होता है और शरीर की विषाक्तता कम होती है। रहस्यमय संभावनाओं से युक्त मस्तिष्क की कार्य क्षमता भी बढ़ती है। उन्होंने कहा कि शरीर की रासायनिक प्रयोगशाला लीवर है। संतुलित खान-पान के साथ योग किया जाए तो लीवर स्वस्थ्य रहता है।
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