बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुसलमानों का वोट बसपा प्रत्याशियों को नहीं मिलने पर आने वाले चुनावों में उनसे दूरी बनाने की बात कही है।
मायावती मुसलमानों से नाराज : लोकसभा चुनाव के नतीजे देख बोलीं- अब सोच समझकर देंगे टिकट
Jun 06, 2024 02:11
Jun 06, 2024 02:11
- बसपा अब चुनावों में मुसलमानों से बनाएगी दूरी
- लोकसभा चुनाव में सूपड़ा साफ होने पर मायावती का बड़ा फैसला
बसपा को समझ नहीं पा रहे मुसलमान
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी का खास संग मुस्लिम समाज पिछले कई चुनाव और इस बार हुए लोकसभा चुनाव में उचित प्रतिनिधि को देने के बावजूद बसपा को ठीक से नहीं समझ पा रहा है। ऐसी स्थिति में आगे इनको काफी सोच समझकर ही चुनाव में पार्टी मौका देगी, ताकि आगे पार्टी को भविष्य में इस बार की तरह भयंकर नुकसान नहीं हो।
दलित वर्ग का जताया आभार
इसके साथ ही उन्होंने दलित वर्ग और खासकर अपनी बिरादरी के जाटव मतदाताओं का आभार जताया है। मायावती ने कहा कि इन लोगों में अधिकांश ने अपना वोट बसपा को देकर अहम मिशनरी भूमिका निभाई है, इसके लिए वो उनका तहे दिल से आभार प्रकट करती हैं। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर के बताए रास्तों पर चलकर पूरी लगन निष्ठा और ईमानदारी के साथ मेहनत से काम करना ही अपना मिशनरी धर्म है। हमारी इसी सोच और शक्ति ने सदियों से शोषित और उपेक्षितों को आत्म सम्मान और स्वाभिमान के साथ जीने के लिए संघर्ष करते रहना सिखाया है और सरकार बनने पर सामाजिक परिवर्तन आर्थिक तरक्की के तहत उनके जीवन को काफी हद तक बदला भी है।
चुनाव परिणाम का गहराई से विश्लेषण
मायावती ने कहा कि इसलिए इनको अपना भविष्य संवारकर देशहित को बढ़ावा देने का का मिशनरी काम बिना थके रुके और हारे अर्थात हाल में पूरी तत्परता के साथ लगातार जारी रखना है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि चुनावों में खासकर उत्तर प्रदेश की तरफ पूरे देश की निगाहें टिकी हुई थी और यहां भी जो परिणाम सामने आया है, वह भी जनता के सामने है। बसपा इसको गंभीरता से लेकर इसका हर स्तर पर गहराई से सही विश्लेषण करेगी और पार्टी मूवमेंट के हित में जो भी जरुरी होगा उसको लेकर ठोस कदम भी उठाएगी।
सत्ता की मास्टर चाबी हासिल करना जरूरी
मायावती ने कहा कि बसपा एक राजनीतिक पार्टी के साथ लोगों के आत्मसम्मान और स्वाभिमान का भी मूवमेंट है। उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर की बात का हवाला देते हुए कहा कि सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करके ही तरक्की के तमाम बंद दरवाजे खोल ले जा सकते हैं, जिसकी प्रति अपने संघर्ष, त्याग व बलिदान का खुद आकलन करते रहना बहुत जरूरी है, तभी भविष्य संवरेगा और सुधरेगा भी।
गर्मी के कारण वोट प्रतिशत में कमी
मायावती ने कहा कि बसपा चुनाव आयोग से शुरू से यह मांग करती रही है कि चुनाव बहुत लंबा नहीं खिंचना चाहिए। यह चुनाव सात चरणों में करीब ढाई महीने लंबा रहा। चुनाव कराते समय आम लोगों के हितों के साथ-साथ चुनाव ड्यूटी में लगने वाले लाखों सरकारी कर्मचारियों ओर सुरक्षाकर्मियों के व्यापक हित और सुरक्षा को भी ध्यान में रखते हुए निर्णय लेना चाहिए। अधिकतम तीन या चार चरणों में चुनाव कराया जाना चाहिए था। लेकिन, ऐसा न करके यह चुनाव जोरदार गर्मी और तपिश के बीच कराया गया। जनजीवन के अस्त-व्यस्त होने के कारण चुनाव काफी ज्यादा प्रभावित रहा और गरीब-मेहनतकश लोगों के उत्साह में कमी आ गई। इससे वोट प्रतिशत काफी प्रभावित हुआ। उन्होंने मांग की कि आगे से चुनाव आयोग लोगों की ऐसी परेशानियों को ध्यान में रखकर ही चुनाव कराए।
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