टप्पेबाजी करने वाले दो जालसाजों को लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उनके पास से काफी मात्रा में कैश और घटना में इस्तेमाल दो मोटर साइकिल भी बरामद की है। गिरफ्तार किए गए...
Lucknow News : गजब के टप्पेबाज़, पिता-पुत्र के पास से 27 फर्जी आधार कार्ड बरामद, जानें पूरा मामला...
Jun 06, 2024 18:58
Jun 06, 2024 18:58
क्या है पूरा मामला
लखनऊ के अलग-अलग इलाकों से पुलिस को टप्पेबाजी और जालसाज़ी की कई दिनों से शिकायतें मिल रही थीं। जिसे लेकर पुलिस भी काफी परेशान थी। पुलिस ने घटनाओं को रोकने के लिए टीम गठित कर जांच शुरू की। शहर के कई सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और ग्राउंड सर्विलांस भी शुरू किया गया। आखिरकार पुलिस को सफलता मिल ही गई। मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने दुबग्गा चौराहे पर जालसाजों को पकड़ने के लिए चेकिंग शुरू की। तभी मोटर साइकिल से आ रहे टप्पेबाजों ने पुलिस को देखकर गाड़ी घुमाकर भागने का प्रयास किया। लेकिन, उनकी गाड़ी कीचड़ में फिसल गई, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने घेराबंदी कर दोनों को दबोचा लिया। पुलिस ने दोनों के पास से लगभग 33,000 रुपये की नकदी और वारदात में इस्तेमाल दो मोटर साइकिल बरामद की है। पुलिस इस गैंग के अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। बताते चलें कि गैंग में शामिल सभी लोग आपस में रिश्तेदार हैं।
पिता-पुत्र हैं पकड़े गए आरोपी
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी मखदूम अली और मोहम्मद कैश रिश्ते में पिता पुत्र हैं। वे रायबरेली जनपद के बछरावां के रहने वाले हैं। दोनों लखनऊ में नकली आधार कार्ड के जरिए किराये पर कमरा लेकर रहते हैं। वर्तमान समय में पिता पुत्र दोनों दुबग्गा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इज्जत नगर में रह रहे थे। पुलिस की पूछताछ में दोनों ने लखनऊ के अलग अलग इलाकों में की गई टप्पेबाजी की घटनाओं को कबूला है। आरोपियों ने बताया कि उनके साथ गैंग में पांच लोग शामिल हैं। वे सभी आपस में रिश्तेदार हैं। आरोपियों के पास तीन मोटर साइकिल हैं, जिनके नंबर प्लेट फर्जी हैं। फर्जी नंबर प्लेट की मोटर साइकिल के जरिए लखनऊ के अलग-अलग इलाकों में आरोपी घटना को अंजाम देते थे। पुलिस ने दो मोटर साइकिल बरामद की है। पुलिस पिता पुत्र के गैंग में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है।
दवा देने के बहाने करते थे टप्पेबाजी
पुलिस की गिरफ्त में आए दोनों पिता पुत्र ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वे कैसे घटना को अंजाम देते थे। दोनों ही सुनसान इलाके में अपने शिकार की तलाश करते थे। आमतौर पर इनके शिकार बुजुर्ग व्यक्ति होते हैं, जिन्हें कोई शारीरिक पीड़ा हो। पहले तो ये अपने शिकार को बातों में फांसते थे। उसके बाद दवा देने के बहाने उनके गहने उतरवा कर गहनों में दवा लगाने की बात कहते हुए कागज में बंद करके उन्हें देते थे। वे कहते थे कि गहनों में दवा लगाई गई है, जिसे पानी में डालकर पानी से शरीर में जहां भी दर्द हो, वहां सिकाई करनी है, जिससे पूरा दर्द ठीक हो जाएगा। आरोपी बातों में फंसाकर मौका पाते ही कागज में लपेटे हुए गहने उड़ा लेते थे। लगातार बढ़ रही इन घटनाओं को देखते हुए पुलिस ने टीम गठित की और आरोपियों को धर दबोचा।
आरोपियों के पास मिली फर्जी आईडी
पुलिस की गिरफ्त में आए पिता पुत्र के पास से 27 फर्जी आधार कार्ड, 12 निर्वाचन कार्ड, तीन ड्राइविंग लाइसेंस, एक पैन कार्ड और दो मोटर साइकिल मिली है। पुलिस द्वारा इन फर्जी आधार कार्ड की जब जानकारी मांगी गई तो पिता पुत्र ने बताया कि फर्जी आधार कार्ड के जरिए वे लखनऊ में अलग-अलग जगह किराये पर मकान लेकर रहते थे। पिता पुत्र के फर्जी आधार कार्ड में आधार नंबर बदले हुए पाए गए हैं। जबकि फोटो हर आधार कार्ड पर एक जैसा ही है। इतना ही नहीं, शातिर अपराधियों ने इन फर्जी आधार कार्ड पर सिम भी एक्टिवेट कराए हैं। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि फ़र्ज़ी आधार कार्ड से आखिर सिम एक्टिवेशन कैसे हुआ। पुलिस ने पिता पुत्र से उनके गैंग के साथियों की डिटेल ली है। पुलिस सभी की तलाश कर रही है।
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