उपचुनाव के लिए अभी से रणनीति का दौर शुरू हो गया है। उपचुनाव वाली सीटों पर संभावित प्रत्याशी जोर आजमाइश में जुट गए हैं। सांसद बनने वाले विधायक अपनी सीटों से इस्तीफा दे रहे हैं तो नए चेहरे टिकट हासिल करने की कोशिश में जुट गए हैं।
UP Politics : उपचुनाव को लेकर बिछने लगी बिसात, पूर्व सांसद एसटी हसन ने यहां से प्रत्याशी बनने की जताई इच्छा
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Jun 13, 2024 02:25
Jun 13, 2024 02:25
- लोकसभा के बाद विधानसभा उपचुनाव में होगी सत्ता और विपक्ष की अग्निपरीक्षा
- सपा नेता उपचुनाव में टिकट हासिल करने की कोशिश में जुटे
सपा की अपने बागी सदस्यों की सीटों पर उपचुनाव की रणनीति
यूपी के सियासी परिदृश्य पर नजर डालें तो अगर समाजवादी पार्टी अपने छह बागी विधायकों की सदस्यता खत्म कराने में सफल होती है तो प्रदेश में 16 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होगा। इनमें से 11 सीटें अभी प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के पास हैं जबकि एनडीए के पांच विधायक लोकसभा चुनाव में जीत के बाद अब सांसद बन चुके हैं। इनमें चार भाजपा के हैं। सपा की ओर से अखिलेश यादव सहित चार विधायक सांसद निर्वाचित हुए हैं।
लोकसभा चुनाव में इन विधायकों ने जीत की हासिल
लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए और इंडिया गठबंधन से कुल 14 विधायक सियासी मैदान में थे। इनमें से 9 विधायक सांसद बन चुके हैं। एनडीए से जीतने वालों में अलीगढ़ की खैर सीट से विधायक अनूप प्रधान वाल्मीकि, गाजियाबाद से विधायक अतुल गर्ग, फूलपुर से प्रवीन पटेल और मझवां के विधायक विनोद बिंद और रालोद के मीरापुर से विधायक चंदन चौहान अब बिजनौर के सांसद बन गए हैं। इसके अलावा सपा की ओर से करहल के विधायक और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से विधायक जियार्उरहमान बर्क, मिल्कीपुर से विधायक अवधेश प्रसाद और कटेहरी से सपा विधायक लालजी वर्मा ने लोकसभा चुनाव मेें जीत दर्ज की है। कानपुर के सपा विधायक इरफान सोलंकी को सात साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधान सभा सदस्यता भी खतरे में है। ऐसे में उस सीट पर भी उपचुनाव की संभावना है।
सपा के इन विधायकों ने पाला बदला
इसके अलावा समाजवादी पार्टी अपने जिन छह विधायकों की सदस्यता खत्म कराना चाहती है, उनमें मनोज पांडेय, राकेश पांडेय, अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह, विनोद चर्तुवेदी, पूजा पाल शामिल हैं। ये विधायक चुनावी महासमर के दौरान भाजपा के पाले में चले गए। हालांकि इसका कोई फायदा नहीं मिला।
उपचुनाव में सपा से टिकट चाहते हैं कई नेता
ऐसे में उपचुनाव में टिकट को लेकर समाजवादी पार्टी से कई नेता कोशिश में जुट गए हैं। हाल ही में प्रदेश की चार विधानसभा सीटों पर संपन्न हुए उपचुनाव में सपा और भाजपा दो-दो सीटें जीतने में सफल हुई है। इनमें से तीन सीटें भाजपा और एक सपा के पास थी। लखनऊ की पूर्वी, शाहजहांपुर की ददरौल और सोनभद्र की दुद्धी सीटें भाजपा के पास थीं। वहीं बलरामपुर की गैंसड़ी सीट सपा के खाते में थी। इनमें सपा गैंसड़ी और दुद्धी सीट पर जीत हासिल करने में सफल हुई है।
डॉ. एसटी हसन ने इस बात का जताया अफसोस
इस बीच समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने उपचुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि वह मुरादाबाद की कुंदरकी विधान सभा सीट से उपचुनाव लड़ना चाहते हैं। डॉ. एसटी हसन ने कहा कि पिछली बार अखिलेश यादव चाहते थे कि मैं रामपुर से लोक सभा चुनाव लडूं। लेकिन, ऐसा नहीं करने के कारण मुझे से गलती हुई है। अब अगर अखिलेश यादव मुझसे कहेंगे तो कुंदरकी से मैं विधान सभा का उपचुनाव लड़ने को तैयार हूं। डॉ. एसटी हसन ने मोदी सरकार की नई कैबिनेट को लेकर कहा कि आजाद हिंदुस्तान में यह पहली बार है, जब एक भी मंत्री मुस्लिम समाज से नहीं लिया गया है। देश की दूसरी सबसे बड़ी आबादी को सबका साथ सबका विकास करने वाले लोग नजरंदाज कर रहे हैं।
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