राजधानी के आलमबाग क्षेत्र के पास तीन ट्रेनें एक-दूसरे से टकरा गईं। इस घटना के बाद चारों ओर अफरा-तफरी मच गई और कुछ डिब्बों में आग लग गई। कई यात्री गंभीर रूप से घायल हुए।
आलमबाग में तीन ट्रेनें आपस में टकराईं : डिब्बों में लगी आग, कई यात्री घायल, मॉक ड्रिल में परखा गया इमरजेंसी सिस्टम
Dec 20, 2024 17:42
Dec 20, 2024 17:42
नॉर्दर्न रेलवे ने आयोजित की मॉक ड्रिल
सूचना मिलते ही रेलवे और जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जीआरपी, आरपीएफ, पुलिस, फायर ब्रिगेड, और मेडिकल टीम को घटनास्थल पर भेजा। लखनऊ के डीआरएम एसएन शर्मा ने भी मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और घायलों का हालचाल जाना। हालांकि, यह वास्तविक घटना नहीं थी, बल्कि नॉर्दर्न रेलवे द्वारा आलमबाग यार्ड में आयोजित एक मॉक ड्रिल का हिस्सा थी। इस अभ्यास का उद्देश्य रेलवे और प्रशासन की तत्परता की जांच करना था।
क्या है मॉक ड्रिल
मॉक ड्रिल एक सिम्युलेटेड अभ्यास है जो आपातकालीन स्थितियों, जैसे कि ट्रेन दुर्घटनाओं, से निपटने की तैयारी के लिए किया जाता है। यह रेलवे प्रशासन द्वारा आयोजित किया जाता है, जिसमें पुलिस, दमकल विभाग, एंबुलेंस सेवाओं और अस्पतालों के बीच तालमेल की जांच की जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि वास्तविक आपातकालीन स्थिति में सभी टीमें तेजी और कुशलता से कार्य कर सकें।
मॉक ड्रिल में क्या-क्या होता है शामिल
मॉक ड्रिल के दौरान विभिन्न आपातकालीन स्थितियां बनाई जाती हैं, जैसे कि ट्रेनों का पटरी से उतरना, दो या अधिक ट्रेनों की टक्कर, या आग लगना। इस अभ्यास के तहत घायल यात्रियों, संभावित मृतकों और फंसे हुए लोगों का विवरण तैयार किया जाता है। इसके अलावा, घटना के लिए एक विशेष स्थान का चयन किया जाता है ताकि यह वास्तविक परिस्थिति जैसा अनुभव दे सके।
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