कासगंज में हुए चर्चित चंदन गुप्ता हत्याकांड में आखिरकार इंसाफ मिल गया। एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने इस बहुचर्चित मामले में 28 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है...
सात साल बाद इंसाफ : कासगंज के चंदन गुप्ता के 28 हत्यारों को सजा, पूरी उम्र सलाखों के पीछे कटेगी
Jan 03, 2025 15:40
Jan 03, 2025 15:40
लखनऊ : चंदन गुप्ता हत्याकांड में सात साल बाद मिला इंसाफ, 28 आरोपियों को सुनाई गई उम्रकैद की सजा, सुनिए चंदन गुप्ता के भाई विवेक गुप्ता ने क्या कहा...#Lucknow #ChandanGuptaMurderCase #KasganjCase
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क्या है चंदन गुप्ता हत्याकांड?
यह मामला 26 जनवरी 2018 का है। जब कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी। इसी दौरान चंदन गुप्ता को गोली मार दी गई। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना सांप्रदायिक तनाव का कारण बनी और मामला न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में सुर्खियों में आ गया। चंदन गुप्ता की हत्या ने युवाओं के बीच आक्रोश पैदा कर दिया था और इसे सांप्रदायिक सौहार्द पर गहरा धक्का माना गया। इसके बाद इलाके में लंबे समय तक कर्फ्यू लगाना पड़ा।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनाई गई सजा
सजा सुनाने की प्रक्रिया शुक्रवार को पूरी हुई। लॉकअप गाड़ी की अनुपलब्धता के कारण सभी आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सजा सुनाई गई। अदालत ने दोषियों को हत्या के लिए उम्रकैद और राष्ट्रध्वज अपमान के आरोप में तीन-तीन साल की अतिरिक्त सजा सुनाई। इससे पहले, गुरुवार को अदालत ने मामले की सुनवाई में 28 आरोपियों को दोषी ठहराया था। इनमें से एक मुख्य आरोपी सलीम ने शुक्रवार सुबह अदालत में आत्मसमर्पण किया। हालांकि, दोषियों के वकीलों ने फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देने का संकेत दिया है।
दो आरोपियों को मिला संदेह का लाभ
इस मामले में आरोपी असीम कुरैशी और नसरुद्दीन को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया। जबकि अन्य 28 आरोपियों को दोषी ठहराया गया। इनमें से 26 आरोपी व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में मौजूद थे, जबकि आरोपी मुनाजिर रफी कासगंज जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुआ।
मुख्य आरोप और सजा
सभी दोषियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 341, 336, 307, 302, 504, 506 और राष्ट्रध्वज अपमान निवारण अधिनियम की धारा 2 के तहत आरोप लगाए गए थे। अदालत ने इन्हें बलवा, गैरकानूनी मजमा, चोट पहुंचाने, हत्या, जान से मारने की धमकी और राष्ट्रध्वज अपमान के लिए दोषी ठहराया।
प्रमुख गवाहों की गवाही
मामले में कुल 12 गवाहों को पेश किया गया। इनमें चंदन गुप्ता के पिता सुशील गुप्ता, भाई विवेक गुप्ता, और तिरंगा यात्रा में शामिल सौरभ पाल की गवाही अहम रही। उन्होंने घटना के दौरान मौजूद हालात और आरोपियों की भूमिका को विस्तार से अदालत के सामने रखा।
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