यह कार्यक्रम राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और पशुपालन विभाग के संयुक्त प्रयास से संचालित किया जाएगा। शुरुआत में इसे 25 जिलों के 50 विकास खंडों...
यूपी सरकार का महत्वाकांक्षी कदम : 10 हजार पशु सखियों को प्रशिक्षण, दुग्ध उत्पादन और ग्रामीण आय बढ़ाने के लिए 'ए-हेल्प' कार्यक्रम की शुरुआत
Jul 13, 2024 00:51
Jul 13, 2024 00:51
- यूपी सरकार कार्यक्रम 'ए-हेल्प' शुरू करने जा रही है
- इसे 25 जिलों के 50 विकास खंडों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जाएगा
- पशु सखियों की वार्षिक आय 60,000 रुपये तक बढ़ सकती है
दो हजार पशु साखियों को प्रशिक्षण
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गांव स्तर पर पशु चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। इसके तहत पारंपरिक पशु चिकित्सा प्रथाओं, रोग निवारण, समय पर टीकाकरण, कृमिनाशक दवाओं का वितरण, कृत्रिम गर्भाधान और पशु बीमा जैसी सेवाएं प्रदान की जाएंगी। योगी सरकार का लक्ष्य है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2,000 पशु सखियों को ए-हेल्प एजेंट के रूप में प्रशिक्षित किया जाए और अगले दो वर्षों में यह संख्या बढ़कर 10,000 तक पहुंच जाए।
बढ़ेगी पशु साखियों की वार्षिक आय
ए-हेल्प कार्यक्रम का एक प्रमुख लक्ष्य पशु सखियों की आय में वृद्धि करना है। अनुमान है कि इस कार्यक्रम के माध्यम से पशु सखियों की वार्षिक आय 60,000 रुपये तक बढ़ सकती है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए, कार्यक्रम के तहत कवर किए गए जिलों और विकास खंडों में मिशन स्टाफ का प्रशिक्षण पूरा कर लिया गया है। साथ ही, पशु सखियों को आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करने के लिए विशेष प्रशिक्षण योजनाएं तैयार की गई हैं।
ग्रामीण समुदायों को मिलेगा आर्थिक लाभ
यह कार्यक्रम न केवल पशुधन उत्पादकता और स्वास्थ्य में सुधार लाएगा, बल्कि ग्रामीण समुदायों को पशुपालन से अधिकतम आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए सशक्त भी बनाएगा। इस तरह, ए-हेल्प कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास और पशु स्वास्थ्य सुधार का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनने की उम्मीद है।
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