अमिताभ ठाकुर ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि अगस्त 2021 में उच्चस्तरीय राजनीतिक दबाव में उन्हें जबरन विधिविरुद्ध ढंग से घर से खींचकर थाने ले जाने के मामले में हाईकोर्ट में मानवाधिकार आयोग और यूपी सरकार से जवाब मांगा है। इस मामले में अंतिम न्याय प्राप्त होने तक लड़ाई चलती रहेगी।
अमिताभ ठाकुर को घर से खींचकर थाने ले जाने का मामला : हाईकोर्ट ने मानवाधिकार आयोग-यूपी सरकार से मांगा जवाब
Nov 08, 2024 15:09
Nov 08, 2024 15:09
जस्टिस राजन राय और जस्टिस बृजराज सिंह की पीठ ने मांगा जवाब
हाईकोर्ट में जस्टिस राजन राय और जस्टिस बृजराज सिंह शामिल की पीठ ने याचिका पर विचार करने के बाद यह निर्देश दिया। याचिका पर याची की अधिवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर, राज्य सरकार के अधिवक्ता और आयोग के अधिवक्ता शिखर आनंद की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश दिया गया।
याचिका में मांगी गई राहतें
अमिताभ ठाकुर की ओर से उनके अधिवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर और दीपक कुमार ने अदालत से आग्रह किया कि आयोग के 12 सितंबर 2024 के अंतिम आदेश को रद्द करने के लिए सर्टिओरारी या अन्य आदेश जारी किया जाए। इसके साथ ही, याचिका में आयोग से यह सुनिश्चित करने की मांग की गई है कि मानवाधिकार उल्लंघन के संबंध में स्पष्ट और निश्चित निष्कर्ष निकाले जाएं और उसके बाद मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम की धारा 18 के तहत निर्देश जारी किए जाएं।
मानवाधिकार उल्लंघन के प्रमाण
याचिका में यह कहा गया कि मानवाधिकार आयोग ने स्वयं इस मामले में मानवाधिकार उल्लंघन के प्रमाण पाए थे। इसके बावजूद आयोग ने दोषियों के खिलाफ स्पष्ट कार्रवाई करने के बजाय अमिताभ ठाकुर को सीजेएम कोर्ट जाकर मुकदमा दर्ज करने का सुझाव दिया। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस मामले में दोषी कर्मियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। कोर्ट ने प्रतिवादी पक्ष के वकील सीएससी और शिखर आनंद को चार सप्ताह का समय देते हुए निर्देश दिया कि वे अपनी प्रतिउत्तर हलफनामा दाखिल करें। इसके बाद, याचिकाकर्ता के वकील को दो सप्ताह में पुनः हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी गई है। अदालत ने कहा कि इसके बाद मामले की सूचीबद्धता की जाएगी।
अंतिम न्याय मिलने तक चलती रहेगी लड़ाई
अमिताभ ठाकुर ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि अगस्त 2021 में उच्चस्तरीय राजनीतिक दबाव में उन्हें जबरन विधिविरुद्ध ढंग से घर से खींचकर थाने ले जाने के मामले में हाईकोर्ट में मानवाधिकार आयोग और यूपी सरकार से जवाब मांगा है। इस मामले में अंतिम न्याय प्राप्त होने तक लड़ाई चलती रहेगी।
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