गैंगस्टर आशीष राय की एक और संपत्ति होगी कुर्क : पशुधन विभाग में करोड़ों के टेंडर ठगी का है मास्टरमांइड

पशुधन विभाग में करोड़ों के टेंडर ठगी का है मास्टरमांइड
UPT | गैंगस्टर आशीष राय

Sep 02, 2024 19:52

आशीष राय यूपी में पशुधन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी करने के मामले में काफी सुर्खियों में रहा। अपने गैंग के जरिए इसने बेहद शातिर तरीके से इस काम को अंजाम दिया। इस केस में मध्य प्रदेश के व्यापारी से राशन आपूर्ति के लिए 214 करोड़ का ठेका दिलाने के नाम पर दस करोड़ की ठगी की गई थी।

Sep 02, 2024 19:52

Lucknow News : लोगों को डरा धमकाकर अवैध तरीके से संपत्ति जुटाने वाले कुख्यात गैंगस्टर आशीष राय पर पुलिस ने और शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। लखनऊ पुलिस इस शातिर अपराधी की लाखों की संपत्ति कुर्क करने की तैयारी में है। इसे लेकर सोमवार को कोर्ट ने आदेश पारित कर दिया है। फिलहाल अपराधी की 7.91 लाख रुपए की संपत्ति कुर्क की जाएगी। पुलिस इसकी तैयारी में जुट गई है।

आशीष राय ने अवैध तरीके से जुटाई करोड़ों की संपत्ति
लखनऊ पुलिस ने बताया कि गैंगस्टर आशीष राय पर हजरतगंज थाने में विभिन्न धाराओं में तीन मुकदमे दर्ज हैं। ये अपराधी मूल रूप से आजमगढ़ के थाना रानी की सराय के ग्राम रायपुर निवासी है। लखनऊ में इसका ठिकाना थाना विभूतिखंड क्षेत्र में विभवखंड में है। ये अपराधी काफी समय से अवैध गतिवि​धियों में संलिप्त है। इसने आपराधिक गतिविधियों के जरिए करोड़ों की संपत्ति बनाई है। इसकी संपत्ति चिह्नित की गई है, जिसे सोमवार को कुर्क करने का आदेश पारित किया गया है। इसकी कीमत 7.91 लाख रुपए है। उत्तर प्रदेश गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रिया-कलाप (निवारण) अधिनियम 1986 की धारा 14(1) के तहत इसे कुर्क किये जाने का आदेश पारित किया गया है।

गिरोह का सरगना है आशीष राय
पुलिस ने बताया कि अभियुक्त आशीष राय कई वर्षों से टेंडर दिलाने के नाम पर व्यापारियों से छलपूर्वक कमीशन के रूप में रकम लेता रहा। इसके खौफ की वजह से कोई भी व्यक्ति एफआईआर दर्ज कराने के लिए आगे नहीं आया। वर्ष 2018 में आशीष राय के खिलाफ दो मामले थाना हजरतगंज में दर्ज हुए। इनमें सामने आया कि ये शातिर अपना एक संगठित गिरोह बनाकर गैंग लीडर के रूप में काम कर रहा है। इसके साथ में गैंग के अन्य सदस्य भी सक्रिय हैं, जो लोगों को डरा धमकाकर कमाई में जुटे हैं। आशीष राय के पास आय का कोई जरिया नहीं है, इसने अभी तक जो सभी संपत्ति जुटाई है, वह गैरकानूनी तरीके से ही हासिल की है। अब इस संपत्ति को कुर्क करके पुलिस इस पर शिकंजा कसने में जुटी है।  

पशुधन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी में सुर्खियों में रहा नाम
आशीष राय यूपी में पशुधन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी करने के मामले में काफी सुर्खियों में रहा। इसे इस फर्जीवाड़े का मास्टरमांइड कहा जाता है। अपने गैंग के जरिए इसने बेहद शातिर तरीके से इस काम को अंजाम दिया। गिरोह के सरगना आशीष राय और प्रदेश सरकार में रहे पशुधन मंत्री के निजी सचिव धीरज देव ने मध्य प्रदेश के व्यापारी से राशन आपूर्ति के लिए 214 करोड़ का ठेका दिलाने के नाम पर दस करोड़ की ठगी की थी। इस प्रकरण में बीते वर्ष मार्च माह में आशीष राय व धीरज देव की संपत्ति कुर्क करने का आदेश लखनऊ पुलिस कमिश्नर कोर्ट ने जारी किया था।

2.20 करोड़ की संपत्ति हो चुकी है कुर्क
इसके तहत आजमगढ़ के रानी की सराय स्थित रायपुर गांव निवासी आशीष राय की 2.20 करोड़ की संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी किया गया। यह संपत्ति अवैध तरीकों से अर्जित की गई थी। आशीष राय ने लोगों से ठगी कर कई संपत्तियां बनाई हैं, जिसकी पुलिस जानकारी जुटाने में लगी थी। इसके आधार पर ही एक बार फिर उसकी संपत्ति कुर्क की जाएगी। पशुधन टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी के मामले में गोमतीनगर विस्तार स्थित ग्रीनवुड अपार्टमेंट निवासी आशीष राय के साथी धीरज देव पर भी पुलिस बीते वर्ष शिकंजा कस चुकी है। तब सामने आया था कि धीरज देव ने विज्ञानखंड में प्लॉट नंबर 70 व 71 खरीदे हैं. धीरज की 3.11 करोड़ की संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी किया गया था। पुलिस के मुताबिक आशीष राय के साथ मिलकर उसने कई वर्षों से टेंडर दिलाने के नाम पर व्यापारियों से करोड़ों की कमाई की है। लखनऊ पुलिस लगातार आशीष राय और उसके गिरोह के आर्थिक साम्राज्य को ध्वस्त करने में जुटी है।

पशुधन विभाग में टेंडर मामले में 10 करोड़ की हुई थी ठगी
यूपी में पशुधन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी के बहुचर्चित मामले की बात करें तो इंदौर के व्यापारी मंजीत भाटिया से वर्ष 2018 में पशुपालन विभाग में 214 करोड़ का टेंडर दिलाने के लिए 10 करोड़ से ऊपर की ठगी की गई थी, जिस पर पीड़ित ने हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर में मुख्य रूप से आशीष राय, अनिल राय, रूपक राय, अरुण राय व तत्कालीन आईपीएस अफसर अरविंद सेन, सिपाही दिलबहार यादव, सहायक समीक्षा अधिकारी उमेश मिश्रा, होमगार्ड रघुवीर यादव, विजय कुमार, मोंटी गुर्जर व संतोष सिंह समेत 17 आरोपी बनाए गए थे। इस मामले में तत्कालीन आईपीएस अफसर अरविंद सेन समेत अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ को लगाया गया था। इसके बाद अरविंद सेन को भगोड़ा करार देते हुए उन पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था। बाद में अरविंद सेन ने 27 जनवरी, 2021 को कोर्ट में आत्मसपर्मण कर दिया था। इसके बाद बीते वर्ष अरविंद सेन को कोर्ट से जमानत मिली थी। इसके अलावा आशीष राय सहित अन्य आरोपी भी जमानत पर बाहर आने में सफल हुए।
 

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