मेधावी छात्र-छात्राओं को अब एक नया अवसर मिला है। उन्हें भारत की अंतरिक्ष विज्ञान की सबसे बड़ी एजेंसी, इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (एसएसी) का शैक्षिक भ्रमण करने का मौका मिला है। यह शैक्षिक भ्रमण बच्चों के तकनीकी, कौशल एवं सर्वांगीण विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
अटल आवासीय विद्यालयों के बच्चे पहुंचे इसरो : अहमदाबाद स्पेस एप्लीकेशन सेंटर में किया शैक्षिक भ्रमण, जानें अंतरिक्ष के राज
Oct 03, 2024 01:30
Oct 03, 2024 01:30
उत्कृष्ट अटल कार्यक्रम का आयोजन
हाल ही में प्रदेश में संचालित 18 अटल आवासीय विद्यालयों में उत्कृष्ट अटल प्रोग्राम के तहत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस 15 दिनों के विशेष कार्यक्रम में छात्रों ने अंतरिक्ष विज्ञान, मशीन क्रिएशन, और ड्रोन टेक्नोलॉजी पर कार्यशालाओं में हिस्सा लिया। छात्रों ने विषय विशेषज्ञों से अंतरिक्ष के रहस्यों और भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
छात्र-छात्राओं ने किया रचनात्मकता का प्रदर्शन
इस कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रों ने ऑटोमैटिक लाइट, स्मार्ट ब्लाइंड स्टिक, स्मार्ट डस्टबिन, और फुल रोवर ड्रोन जैसे उत्कृष्ट मॉडल बनाकर अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया। स्पेस आर्ट और बेस्ट प्रोडक्ट डेवलपमेंट प्रतियोगिता में विजेता रहे प्रत्येक विद्यालय से एक छात्र-छात्रा को विज्ञान रत्न की उपाधि दी गई। सभी विजेता छात्रों को इसरो (एसएसी), अहमदाबाद का भ्रमण कराया गया, जहां उन्होंने वैज्ञानिकों से अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त की।
छात्रों ने साबित की प्रतिभा
इस शैक्षिक भ्रमण के दौरान, इसरो (एसएसी) के डायरेक्टर निलेश देसाई ने छात्रों को अंतरिक्ष के रहस्यों की जानकारी दी। उन्होंने छात्रों से कई महत्वपूर्ण प्रश्न भी पूछे। उदाहरण के लिए, चंद्रयान दो और चंद्रयान तीन में मुख्य भिन्नता क्या है? इस सवाल का सही जवाब आवासीय विद्यालय वाराणसी की छात्रा श्वेता सत्ते ने दिया। उन्होंने बताया कि चंद्रयान 2 में ऑरबिटर था, जबकि चंद्रयान 3 में नहीं था। इसी तरह, 20 जुलाई 1969 का क्या महत्व है? इस सवाल का सही जवाब अटल आवासीय विद्यालय, मुरादाबाद के छात्र सचिन कुमार ने दिया, जिन्होंने बताया कि इसी दिन नील आर्मस्ट्रांग चांद पर चलने वाले पहले व्यक्ति बने।
खगोलशास्त्र-आधुनिक अंतरिक्ष मिशनों पर चर्चा
निदेशक इसरो (एसएसी) ने छात्रों को अंतरिक्ष अन्वेषण के मूलभूत सिद्धांतों का परिचय दिया। उन्होंने खगोलशास्त्र के इतिहास और आधुनिक अंतरिक्ष मिशनों पर भी चर्चा की। इस कार्यशाला ने छात्र-छात्राओं के बीच रचनात्मकता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित किया, जिससे उनमें अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ी।
श्रमिकों के बच्चों मुफ्त शिक्षा का लाभ
अटल आवासीय विद्यालयों के छात्र-छात्राएं आज तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ अंतरिक्ष विज्ञान में भी महत्वपूर्ण ज्ञान अर्जित कर रहे हैं। सरकार ने इन बच्चों को आगे बढ़ने का अवसर दिया है, जिससे वे भविष्य में विज्ञान, आर्ट, या किसी अन्य क्षेत्र में ऊंचाइयों को छू सकें। सरकार ने समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्तियों तक योजनाओं को पहुंचाने का संकल्प लिया है। निर्माण श्रमिकों और कोरोना काल में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को उच्च स्तरीय और आवासीय मुफ्त शिक्षा का लाभ मिल रहा है।
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