जांच में अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी पर लापरवाही की पुष्टि हुई है। बहराइच में हालात काबू पाने के लिए जिस दिन एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश पहुंचे थे। उस दिन उन्होंने भी पवित्र मोहन त्रिपाठी पर नाराजगी जताई थी। बताया जा रहा है कि हिंसा के दौरान त्रिपाठी मौके पर पहुंचने के बजाय एक कंपनी पीएसी लेकर दो किलोमीटर दूर खड़े थे।
बहराइच हिंसा में लापरवाही पर हटाए गए अपर पुलिस अधीक्षक : डीजीपी मुख्यालय से संबद्ध, इन्हें दी गई जिम्मेदारी
Oct 21, 2024 16:25
Oct 21, 2024 16:25
अपर पुलिस अधीक्षक पर लापरवाही के आरोप
जांच में अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी पर लापरवाही की पुष्टि हुई है। बहराइच में हालात काबू पाने के लिए जिस दिन एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश पहुंचे थे। उस दिन उन्होंने भी पवित्र मोहन त्रिपाठी पर नाराजगी जताई थी। बताया जा रहा है कि हिंसा के दौरान त्रिपाठी मौके पर पहुंचने के बजाय एक कंपनी पीएसी लेकर दो किलोमीटर दूर खड़े थे। एडीजी ने पिस्टल निकालकर उपद्रवियों को खदेड़ने के बाद एडिशनल एसपी को फटकार लगाई। इसके बाद बाकी अफसर हरकत में आए। फिर संवेदनशील इलाकों में जाकर पुलिस बल की तैनाती की गई। इससे आगजनी की घटनाओं पर काबू पाया जा सका। वहीं अब लापरवाह अधिकारियों पर एक्शन लिया जा रहा है।
हालात होने लगे सामान्य, नजर बनाए हुए हैं आलाधिकारी
इस बीच हिंसा के बाद बहराइच में अब स्थिति सामान्य हो चुकी है। हालांकि, प्रशासन और शासन की तरफ से स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। शासन के वरिष्ठ अधिकारी लगातार हालात का अपडेट ले रहे हैं, ताकि किसी भी परिस्थिति में तत्काल आवश्यक कदम उठाए जा सके। इस पहले इस हिंसा कांड में लापरवाही पर क्षेत्राधिकारी महसी रूपेंद्र गौड़ को भी निलंबित किया जा चुका है। दरअसल हरदी थाना क्षेत्र की मूर्तियों को विसर्जन के लिए महराजगंज कस्बे से होकर ले जाया जा रहा था। इसमें महसी सीओ रुपेंद्र गौंड को कानून व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सुरक्षा के मद्देनजर एक कंपनी पीएसी भी दी गई थी। जांच में सामने आया है कि जिस समय रामगोपाल को गोली मारी गई और उसके बाद भड़की हिंसा के समय तक सीओ मौके पर मौजूद नहीं थे। वहीं इंस्पेक्टर सुरेश कुमार वर्मा और चौकी प्रभारी स्थिति नियंत्रण करने में असफल रहे। इसके बाद हिंसा भड़कती चली गई। एसएचओ व चौकी प्रभारी को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री को सौंपी जा चुकी है रिपोर्ट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बीते दिनों बहराइच हिंसा को लेकर शासन और पुलिस अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में डीजीपी प्रशांत कुमार, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश, अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार और गृह सचिव संजीव गुप्ता शामिल रहे । बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को बहराइच की सांप्रदायिक घटना की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। मुख्यमंत्री ने दंगे और पुलिस अधिकारियों द्वारा की गई लापरवाही पर गहन चर्चा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
दंगे में पुलिस की असफलता पर सवाल
रिपोर्ट के अनुसार, दंगे के समय पुलिस अधिकारियों की असफलता और उनकी कार्यशैली पर कई गंभीर सवाल उठाए गए। मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए पूछा कि कुछ पुलिस अधिकारी घटनास्थल से सिर्फ दो किलोमीटर दूर होने के बावजूद स्थिति को नियंत्रित करने में विफल क्यों रहे? यहां तक कि एक अधिकारी ने हिंसा के दौरान खुद को एक दुकान में छिपा लिया था। इन सभी मुद्दों पर मुख्यमंत्री ने कड़ा रुख अपनाते हुए अधिकारियों से जवाब तलब किया।
सुरक्षा प्रबंधों में कमी
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि बहराइच के मिश्रित आबादी वाले इलाकों में पुलिस बल की संख्या अपर्याप्त थी, जिसके चलते दंगे को नियंत्रित करने में मुश्किलें आईं। मुख्यमंत्री ने इस पर नाराजगी जताई कि क्या पहले से सुरक्षा प्रबंध किए गए थे या नहीं, और यदि किए गए थे तो उनका सही तरीके से पालन क्यों नहीं हुआ। इस मामले में संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि आगे ऐसी लापरवाही न हो।
रिपोर्ट के बाद लिया जा रहा एक्शन
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने बहराइच का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपी। उन्होंने हिंसा के दौरान प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए किए जाने वाले उपायों की जानकारी दी। इस रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों की लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए थे, जिसके बाद अब एक-एक करके जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है।
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