कुंभ क्षेत्र में 'कला कुंभ' का होगा आयोजन : भारतीय संस्कृति से जुड़ी कला के सभी आयामों की लगेगी प्रदर्शनी

भारतीय संस्कृति से जुड़ी कला के सभी आयामों की लगेगी प्रदर्शनी
UPT | कुंभ क्षेत्र में 'कला कुंभ' का होगा आयोजन

Nov 22, 2024 20:44

प्रयागराज महाकुंभ में देश भर की समृद्ध कला, संस्कृति और आध्यात्म का संगम देखने को मिलेगा। उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग ने इस महापर्व को भारतीय संस्कृति का दर्पण बनाने के लिए विशेष आयोजन की योजना बनाई है...

Nov 22, 2024 20:44

Prayagraj News : प्रयागराज महाकुंभ में देश भर की समृद्ध कला, संस्कृति और आध्यात्म का संगम देखने को मिलेगा। उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग ने इस महापर्व को भारतीय संस्कृति का दर्पण बनाने के लिए विशेष आयोजन की योजना बनाई है। जिसमें हजारों लोक कलाकारों को अपनी कला प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा।

कला कुंभ का आयोजन
इस बार का महाकुंभ 'कला कुंभ' के माध्यम से भारतीय संस्कृति के सभी आयामों को उजागर करेगा। कुंभ क्षेत्र के नागवासुकी क्षेत्र में एक विशेष कला कुंभ शिविर स्थापित किया जाएगा। जहां देशभर की विविध कलाओं की प्रदर्शनी लगेगी। यहां पर श्रद्धालु और पर्यटक त्रिवेणी में पुण्य स्नान के बाद भारतीय संस्कृति के विभिन्न रंगों का अनुभव कर सकेंगे।

सांस्कृतिक मंचों की स्थापना
प्रयागराज महाकुंभ में संगम के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए झूंसी, अरैल और संगम क्षेत्र में तीन बड़े सांस्कृतिक मंच स्थापित किए जाएंगे। जिनकी क्षमता एक हजार से अधिक दर्शकों की होगी। यहां शास्त्रीय और उप शास्त्रीय विधाओं की प्रस्तुतियां आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा गंगा पंडाल में भी देश के मशहूर कलाकारों की प्रदर्शनियां आयोजित की जाएंगी।



लोक कलाकारों के लिए नए मंच
महाकुंभ के दौरान लोक कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयागराज शहर के 20 स्थानों पर लघु सांस्कृतिक मंचों का निर्माण किया जाएगा। ये मंच पूरी तरह से लोक कलाओं के कलाकारों को समर्पित होंगे, जहां वे अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। संस्कृति विभाग का लक्ष्य है कि 10 जनवरी 2025 से ये प्रस्तुतियां आरंभ हों और कुंभ क्षेत्र में आने वाले आगंतुकों के मनोरंजन का ख्याल रखा जाए।

यह बोले संस्कृति मंत्री
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जय वीर सिंह ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में लघु भारत की झलक दिखेगी। भारतीय संस्कृति की विरासत, कला और संगीत के विभिन्न आयामों को समावेश करने के लिए कई आयोजनों की योजना बनाई गई है। इससे श्रद्धालुओं को धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव के साथ-साथ सांस्कृतिक समृद्धि का भी एहसास होगा।

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