लखनऊ बैंक लॉकर चोरी कांड : पुलिस के दो एनकाउंटर के दावों के बीच कई सवालों के जवाब अधूरे, पूरे खुलासे का इंतजार

पुलिस के दो एनकाउंटर के दावों के बीच कई सवालों के जवाब अधूरे, पूरे खुलासे का इंतजार
UPT | लखनऊ बैंक लॉकर चोरी कांड

Dec 25, 2024 09:33

पहली और दूसरी मुठभेड़ के बीच 16 घंटे का समय रहा। इस दौरान सोविंद कहां था? क्या उसे किसी ने छिपने में मदद की? पुलिस द्वारा की गई कांबिंग में वह कैसे बच गया? ये सवाल पुलिस की जांच पर सवाल खड़े करते हैं।

Dec 25, 2024 09:33

Lucknow News : चिनहट क्षेत्र में बैंक लॉकर चोरी कांड में दो अपराधियों के मुठभेड़ में मारे जाने और तीन की गिरफ्तारी के बाद भी कई सवाल उलझे हुए हैं। पुलिस भले ही वारदात का खुलासा करने का दावा कर रही है। साथ ही अन्य बदमाशों की भी जल्द गिरफ्तारी की बात कही जा रही हो। लेकिन, अभी तक के खुलासे में ही कई ऐसी कड़ियां हैं, जो पुलिस के दावे से जुड़ती नहीं नजर आ रही हैं। हैरानी की बात यह है कि दोनों मुठभेड़ एक ही इलाके में, महज 150 मीटर की दूरी पर हुईं। पहली मुठभेड़ सोमवार सुबह 8 बजे और दूसरी उसी रात 12:30 बजे हुई। ये इत्तेफाक भी लोगों को हजम नहीं हो पा रहा है। सबसे अहम बात ​कि 42 लॉकर काटकर जिन लोगों की रकम और गहने चोरी हुए हैं, उन्हें इनके मिलने का इंतजार है।  

पहली मुठभेड़ : तीन चोर गिरफ्तार, चार फरार
सोमवार सुबह लौलाई जलसेतु इलाके में पुलिस ने पहली मुठभेड़ में बिहार के अरविंद कुमार को घायल कर पकड़ा। उसके दो साथी बलराम कुमार और कैलाश बिंद भी पुलिस के हत्थे चढ़ गए। हालांकि, चार अन्य आरोपी, जिनमें मिथुन कुमार, सोविंद कुमार, सन्नी दयाल और सीतापुर का विपिन कुमार शामिल थे, स्विफ्ट कार से भाग निकले।



दूसरी मुठभेड़ : सोविंद की मौत, सवाल बरकरार
16 घंटे बाद रात 12:30 बजे जलसेतु तिराहे पर पुलिस ने दूसरी मुठभेड़ में सोविंद को मार गिराया। हालांकि, पुलिस के दावों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। यह सवाल उठता है कि जो आरोपी सुबह मुठभेड़ के दौरान भाग गया था, वह दोबारा उसी इलाके में क्यों आया? मुमकिन हो, वह सुबह के मुठभेड़ के बाद इलाके में छिपा रहा हो और रात में भागने की कोशिश की हो। हालांकि ये इतना आसान नहीं है, वह भी तब जब पुलिस हर जगह अलर्ट हो।

सोविंद की गतिविधियां : 16 घंटे का सवाल
पहली और दूसरी मुठभेड़ के बीच 16 घंटे का समय रहा। इस दौरान सोविंद कहां था? क्या उसे किसी ने छिपने में मदद की? पुलिस द्वारा की गई कांबिंग में वह कैसे बच गया? ये सवाल पुलिस की जांच पर सवाल खड़े करते हैं।

बैंक लॉकर में सेंधमारी की वारदात
वारदात में चोरों ने मटियारी इलाके में स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक की शाखा को निशाना बनाया। बैंक की दीवार तोड़कर अंदर घुसे चोरों ने स्ट्रॉन्ग रूम में लगे 42 लॉकर तोड़कर करोड़ों का सामान चोरी कर लिया। वारदात को अंजाम देने के लिए उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक कटर का इस्तेमाल किया।

300 सीसीटीवी कैमरों से चोरों तक पहुंची पुलिस
पुलिस ने इलाके में लगे 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालकर चोरों के भागने का रूट चार्ट तैयार किया। फुटेज में चोर बाइक और कार में भागते हुए दिखाई दिए। इस सुराग के आधार पर पुलिस ने चोरों का ठिकाना खोज निकाला और मुठभेड़ तक पहुंची।

मोबाइल लोकेशन पर उठे सवाल
पुलिस ने पहले दावा किया कि चोरों को मोबाइल लोकेशन के जरिए ट्रैक किया गया। लेकिन, मुठभेड़ के दौरान चोरों के पास से कोई मोबाइल बरामद नहीं हुआ। बाद में पुलिस अधिकारियों ने मोबाइल लोकेशन के दावे को खारिज कर दिया।

अब भी तीन आरोपी फरार
इस हाई-प्रोफाइल चोरी कांड में पुलिस अभी भी तीन आरोपियों की तलाश कर रही है। पुलिस का कहना है कि इनकी गिरफ्तारी के बाद चोरी के पीछे की पूरी साजिश का खुलासा हो सकेगा।
कई सवालों के जवाब अब भी अधूरे-
  • मुठभेड़ के दौरान चोरों के फोन बरामद क्यों नहीं हुए?
  • सोविंद पहले मुठभेड़ के बाद 16 घंटे तक कहां था?
  • क्या पुलिस ने पहली मुठभेड़ के बाद इलाके में सही से कांबिंग नहीं की थी?
  • चोरों ने बैंक से चोरी के बाद किस रूट का इस्तेमाल किया?

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