उपचुनाव के करीब आते ही यह पोस्टर वॉर राजनीतिक टकराव की चरम सीमा पर है। एक ओर सत्तारूढ़ भाजपा और समाजवादी पार्टी में वाकयुद्ध का माहौल है, वहीं दूसरी ओर निषाद पार्टी ने अपनी अलग रणनीति अपनाते हुए मिशन 2027 की तैयारी में जोर शोर से कदम बढ़ाए हैं।
सपा-भाजपा के बीच पोस्टर वार जारी : अब 'जुड़ेंगे तो जीतेंगे' का लगाया बैनर, उपचुनाव को लेकर गहमागहमी तेज
Nov 01, 2024 11:14
Nov 01, 2024 11:14
सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल
इस पोस्टर में अखिलेश यादव की तस्वीर है और साथ में लिखा गया है कि 'जुड़ेंगे तो जीतेंगे।' इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रही है। वहीं सड़क से गुजरते लोग भी इसकी तस्वीर मोबाइल में कैद करते नजर आ रहे हैं। समाजवादी पार्टी से जुड़े लोग इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया में लगाया गया पोस्टर बता रहे हैं।
अखिलेश यादव ने की 'जुड़ेंगे तो जीतेंगे' की शुरुआत
अखिलेश यादव खुद इसका समर्थन कर चुके हैं। उन्होंने ही इस टिप्पणी की शुरुआत की है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि नारे हमेशा सकारात्मक होने चाहिए। कमजोर लोग ही नकारात्मक नारा देते हैं। उन्होंने कहा कि हम तो कहेंगे, 'जुड़ेंगे तो जीतेंगे।' पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) जुड़ भी रहा है और जीत भी रहा है। अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान को लेकर कहा कि उन्हें अपने सलाहकार बदल देने चाहिए। भाजपा ढलान पर है, पीडीए चढ़ान पर है। अखिलेश यादव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'बटेंगे तो कटेंगे' बयान पर हमलावर बने हुए हैं। उन्होंने इसे देश के राजनीतिक इतिहास का सबसे निम्नस्तरीय नारा करार दिया है।
'बटेंगे तो कटेंगे' पर सपा का पलटवार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मथुरा में दिए गए बयान "बटेंगे तो कटेंगे" के बाद पूरे राज्य में सियासी चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। इस बयान का समर्थन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी किया, जिससे यह राजनीतिक मुद्दा और गर्मा गया। इसके बाद समाजवादी पार्टी ने इसे अवसर समझते हुए 'न कटेंगे न बटेंगे, पीडीए संग रहेंगे' लिखकर पोस्टरों के माध्यम से भाजपा पर जोरदार पलटवार किया।
सपा कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर साझा की पोस्टर की तस्वीरें
लखनऊ में सपा मुख्यालय के बाहर लगे इन पोस्टरों की भी चर्चा सोशल मीडिया पर बनी हुई है। महराजगंज की फरेंदा विधानसभा क्षेत्र के नेता अमित चौबे की ओर से ये पोस्टर लगाया गया है। इसके जरिए सपा नेता संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि पार्टी पीडीए के तहत एकजुट है और भाजपा के खिलाफ अपनी स्थिति मजबूत बना रही है।
उपचुनाव से पहले पोस्टर की जंग में निषाद पार्टी की भी एंट्री
प्रदेश में उपचुनाव की आहट के बीच अब निषाद पार्टी ने भी पोस्टर वॉर में अपनी भागीदारी दिखाई है। कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने '27 का नारा, निषाद है सहारा' लिखे पोस्टर लगाए हैं, जो लखनऊ की सड़कों पर चर्चा का विषय बने हुए हैं। सपा के '27 का सत्ताधीश' नारे के जवाब में ये पोस्टर लगाए गए, जिसमें संजय निषाद को '27 का खेवनहार' बताया गया है।
राजनीतिक टकराव की चरम सीमा
उपचुनाव के करीब आते ही यह पोस्टर वॉर राजनीतिक टकराव की चरम सीमा पर है। एक ओर सत्तारूढ़ भाजपा और समाजवादी पार्टी में वाकयुद्ध का माहौल है, वहीं दूसरी ओर निषाद पार्टी ने अपनी अलग रणनीति अपनाते हुए मिशन 2027 की तैयारी में जोर शोर से कदम बढ़ाए हैं।
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