Budget 2024 : सीए-कारोबारियों और महिलाओं ने बजट पर दी प्रतिक्रिया, इन कदमों को बताया बेहतर, यहां रह गई कमियां

सीए-कारोबारियों और महिलाओं ने बजट पर दी प्रतिक्रिया, इन कदमों को बताया बेहतर, यहां रह गई कमियां
UPT | Budget 2024

Jul 23, 2024 18:07

कारोबारी एकता पांडेय ने कहा कि पहले की अपेक्षा इस बार बजट राहत देने वाला है, क्योंकि इनकम टैक्स में भी छूट मिली है, साथ ही स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए गए हैं। आज के दौर में एक व्यक्ति की कमाई से पूरा परिवार चलाना मुश्किल है। ऐसे में जो महिलाएं अपने पैरों पर खड़े होकर कुछ करना चाहती हैं, वह स्टार्टअप के जरिए आगे आ सकती हैं।

Jul 23, 2024 18:07

Short Highlights
  • इनकम टैक्स में छूट, स्टार्टअप को बढ़ावा देने से बेहतर परिणाम मिलने की उम्मीद
  • मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ने से सरकार को होगा फायदा
  • ई-कॉमर्स पॉलिसी की घोषणा नहीं होने से रिटेल कारोबारियों में निराशा
  • अन्य राज्यों की तुलना में यूपी को नहीं मिली तरजीह
  • कई उत्पादों के सीमा शुल्क में छूट और मुद्रा लोन को लेकर फैसले की सराहना
Lucknow News :  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केंद्रीय बजट 2024 पेश किया। बजट को लेकर सियासी दलों से लेकर चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, कारोबारियों, विशेषज्ञों और आम जनता ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बजट के कुछ बिंदुओं को लेकर जहां इसका स्वागत किया गया है और इससे कारोबारियों से लेकर आम जनता, युवाओं और महिलाओं को राहत मिलने की बात कही जा रही है। वहीं विशेषज्ञों ने कई जरूरी बिंदुओं की बजट में अनदेखी की बात कही है। 

रेगुलर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में मिलेगा लाभ
सीए जतिन के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक जो टैक्स बेस है, वह आपका 2.4 गुना बढ़ गया है। अगर आपकी फाइनेंशियल ईयर 2009 और 10 के अंदर कोई भी डिमांड आई होगी, जिसका टोटल अमाउंट 25000 रुपए है तो सरकार ने उसे सुओ मोटो विथड्रॉ कर लिया है। फाइनेंशियल ईयर 2010-11 से 2014-15 तक अगर आपकी 10000 रुपए  की डिमांड है तो तो सरकार ने उसको भी विथड्रॉ कर लिया है। इस तरह यह बेनिफिट सरकार ने लोगों को रेगुलर इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग करने के लिए दिया है। इसके अलावा आईएफएससी की यूनिट्स पर जो पहले बेनिफिट मिलते थे, वह बेनिफिट 31 मार्च 2024 तक थे, जिसे सरकार ने एक साल और बढ़ा दिया है। यानी 31 मार्च 2025 तक यह बेनिफिट मिलते रहेंगे। इनडायरेक्ट टैक्सेंस के अंदर कोई भी रेट से रिलेटेड बदलाव नहीं किए गए हैं। अगर बात करें इस फाइनेंस एक्ट के अंदर सरकार ने इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर से रिलेटेड बहुत बदलाव किए हैं, जिसमें सरकार ने इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर की क्रेडिट को डिस्ट्रीब्यूटर करने की प्रोसेस है, उसे और भी ज्यादा सरल बना दिया है। इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर की डेफिनेशन के अंदर चेंज किया गया है। इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर को मैंडेटरी रजिस्ट्रेशन कराना है, अब जो रिवर्स चार्ज मेकैनिज्म के अंदर इनपुट टैक्स क्रेडिट आता था, उसे इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर (आईएसडी) उसे भी डिस्ट्रीब्यूशन कर सकता है।

इनकम टैक्स, स्टार्टअप को लेकर उठाए कदम से मिलेगी राहत
कारोबारी एकता पांडेय ने कहा कि पहले की अपेक्षा इस बार बजट राहत देने वाला है, क्योंकि इनकम टैक्स में भी छूट मिली है, साथ ही स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए गए हैं। आज के दौर में एक व्यक्ति की कमाई से पूरा परिवार चलाना मुश्किल है। सामान्य इंसान को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, खर्च में कटौती की नौबत आती है। ऐसे में जो महिलाएं अपने पैरों पर खड़े होकर कुछ करना चाहती हैं, वह स्टार्टअप के जरिए आगे आ सकती हैं। ये उन्हें बेहतर मौका देने का काम करेगा। इसके साथ ही उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट 2024-25 में कस्टम ड्यूटी घटाकर 6 फीसदी करने की घोषणा भी अहम है, इससे सोने चांदी की खरीद पर आम महिलाओं को राहत मिलेगी। एक तरह से बचत होगी। वहीं इनकम टैक्स में जो नए टैक्स स्लैब की घोषणा की गई है, उससे भी लोगों को राहत मिलेगी। 

महंगाई के मुद्दे पर और किया जा सकता था बेहतर
उन्होंने कहा कि महंगाई के मोर्च पर कुछ और बेहतर हो सकता था, हालांकि बजट में उठाए गए कई कदमों की वजह से इसे लेकर थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि बजट में युवाओं को नौकरी देने की घोषणा की गई है। किसानों के लिए भी कदम उठाए गए हैं। व्यापारियों को स्टार्टअप को बढ़ावा देने से फायदा​ मिलेगा। टैक्स माफी की योजना से भी कारोबारियों को राहत मिलेगी। बाकी उम्मीदों पर 100 प्रतिशत कोई बजट खरा नहीं उतरता, फिर भी इस बार सरकार अपना काम करते नजर आ रही है।

टैक्स स्लैब में चेंज की कारोबारियों की मांग आखिरकार हुई पूरी, मिलेगा फायदा
उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने कहा कि इस बार की बजट की जो खास बात है वह यह है कि देश के व्यापारी, देश की जनता टैक्स स्लैब में चेंज की मांग कर रहे थे। आज वित्त मंत्री ने वर्षों बाद इस मांग को पूरा किया है। टैक्स स्लैब में चेंज आया है। वास्तव में इसकी आवश्यकता थी, इससे लोगों की कागज पर अमीरी बढ़ती नजर आएगी, कागज पर अर्निंग बढ़ेगी तो लोगों की परचेसिंग कैपेसिटी में भी इजाफा होगा। इससे मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ेगी, जिसका सीधा फायदा सरकार को जीएसटी के रूप में मिलेगा। साथ ही इनकम टैक्स के जरिए भी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल की ई-कॉमर्स पॉलिसी सहित कुछ अन्य मांग कर रहे थे, वह आज के बजट में नहीं देखने को मिली हैं। लेकिन, मुद्रा लोन की सीमा 10 लाख से 20 लाख कर दी है। गोल्ड सिल्वर से कस्टम ड्यूटी घटाने का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के लिए एंजल टैक्स को पूरी तरह से खत्म किया है। यह सारे विषय कहीं ना कहीं व्यापारी को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से फायदा पहुंचाने वाले हैं। इसे व्यापारियों का भी लाभ होगा और देश की जनता को भी फादया मिलेगा, इसलिए हम कह सकते हैं आज का बजट संतोषजनक है या देश में जो राजनीतिक परिदृश्य बदला है, उसके परिपेक्ष में था। 

सरकार के कदम से लोग दिखा सकेंगे ज्यादा आय
संजय गुप्ता ने कहा कि आम आदमी के नजरिए से देखें तो टैक्स स्लैब में बदलाव का उसे फायदा मिलेगा। वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडडर्ट डिडक्शन की सीमा 50000 रुपए बढ़ाकर 75000 रुपए सालाना कर दी गई है। इसी तरह पेंशनधारकों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को 15000 रुपए से बढ़ाकर 25000 रुपए का प्रस्ताव है। इस कदम से लगभग चार करोड़ कर्मचारियों और पेंशनधारकों को राहत मिलेगी। टैक्स स्लैब में बदलाव से अब 10 लाख तक की इनकम पर  उतना ही टैक्स देना होगा, जितना 7 लाख पर देना पड़ता था। इसलिए लोग अपनी इनकम ज्यादा से ज्यादा बढ़ाकर दिखा सकेंगे। देखा जाए तो सरकार ने हर वर्ग को थोड़ा-थोड़ा छूने की कोशिश की है। 

आंध्र प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड को अहमियत, यूपी को निराशा
संजय गुप्ता ने कहा कि टैक्स स्लैब्स एक ऐसा विषय होता है, जिससे लोगों में उत्साह देखने को मिलता है। हालांकि फिर भी कुछ विषय अछूते रह गए हैं। रोजगार को बढ़ाने के लिए मोटे तौर पर बात की गई है। लेकिन, बहुत ज्यादा विस्तार से इसे लेकर कुछ नजर नहीं आ रहा है। स्किल डेवलपमेंट के जरिए युवाओं को फायदा पहुंचने का दावा किया गया है। देखा जाए तो आज आंध्र प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड की ज्यादा बातें कही गई हैं। लेकिन, उत्तर प्रदेश के हिस्से में ज्यादा कुछ नहीं आया है। बेरोजगारी और महंगाई बड़ा मुद्दा है। आर्थिक सर्वेक्षण की ताजा रिपोर्ट में सरकार ने भी माना है कि खाद्य पदार्थों में महंगाई   में इजाफा हुआ है। लेकिन, बजट में उसको लेकर कुछ ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। 

महिलाओं को मिलेगा आगे बढ़ने का मौका, सर्विस चार्ज महंगाई कम करने में होंगे मददगार
बिजनेस वुमेन और गृहिणी वर्तिका शुक्ला ने कहा कि आम बजट में महिलाओं के लिए जो खास है वह यह है कि वित्त मंत्री ने स्टार्टटप की बात की है। महिलाओं के लिए रोजगार, नौकरी का ​जिक्र किया है। ये कदम थोड़े ठीक हैं, क्योंकि कहीं ना कहीं महिलाएं जब सशक्त होंगी या महिलाओं को जब नौकरी मिलेगी तो परिवार सशक्त होगा और इससे समाज आगे बढ़ेगा। उन्होंने टैक्स स्लैब्स में बदलाव को व्यापारियों के लिए अच्छा कदम बताया। वर्तिका शुक्ला ने कहा कि सीधे तौर पर भले ही महंगाई को लेकर कुछ नजर नहीं आए। लेकिन, बजट में कई चीजों पर सर्विस चार्ज कम किए गए हैं। मोबाइल फोन और मोबाइल चार्जर पर कस्टम ड्यूटी को घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया, जिससे मोबाइल फोन और मोबाइल चार्ज के कीमतो में गिरावट देखने को मिलेगी। कैंसर की तीन दवाओं को सीमा शुल्क से मुक्त कर दिया गया है। वहीं एक्स-रे मशीन, सोना, चांदी, चमड़े के सामान सस्ते होने का रास्ता साफ हुआ है। 25 महत्वपूर्ण खनिजों पर सीमा शुल्क में छूट दी गयी है। ऐसे में देखा जाए तो इनके जरिए आम जनता को महंगाई के मुद्दे पर राहत मिलने की संभावना है। 

रिटेल इंडस्ट्री को मिली मायूसी
वर्तिका शुक्ला ने कहा कि इसी तरह बेरोजगारी को दूर करने के लिए युवाओं के लिए नौकरी और उन्हें स्किल डेवलपमेंट से जोड़ने के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हालांकि कुछ शिकायतें भी हैं, क्योंकि हम लोग रिटेल इंडस्ट्री से हैं। कहीं ना कहीं ई-कॉमर्स जो प्लेटफार्म है, उसकी वजह से रिटेल इंडस्ट्री में काफी गिरावट आई है। हम लोग चाह रहे थे कि रिटेल इंडस्ट्री के लिए कुछ होता तो राहत मिलती। लेकिन, ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला। 

मुद्रा लोन को लेकर उठाया सही कदम, बजट में जनता पर फोकस
व्यवसायी अविनाश त्रिपाठी ने कहा कि यह बजट पिछले 10 सालों के बजट से काफी अच्छा माना जाएगा। पिछले 10 सालों का जो बजट था, वह इंफ्रास्ट्रक्चर पर समर्पित था। यह बजट आम जनमानस को समर्पित बजट है।  युवाओं से लेकन किसान, व्यापारी, मध्यम वर्ग सभी को सरकार ने कुछ ना कुछ दिया है। एक तरह से आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा देने की कोशिश की गई है, जितनी इसकी तारीफ की जाए कम है। उन्होंने कहा कि कि मुद्रा लोन को 10 से 20 लाख करने से बेरोजगारी के मुद्दे पर राहत मिल सकती है। एक तरह से ये लोगों को अपने आप को स्टैबलिश करने का मौका दिया जा रहा है। बिना गारंटी के आपको अगर सरकार 20 लाख का लोन दे रही है, तो न सिर्फ आप अपने पैरों पर खड़े होंगे, ​बल्कि आप जॉब क्रिएटर बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती है। देश में बेरोजगारी और महंगाई हमेशा से मुद्दा था, आज भी है और कल भी रहेगा। लेकिन, इसके बीच में अच्छे रास्ते निकालने की कोशिश होनी चाहिए, जो इस बार दिखाई दिया है। उन्होंने कहा कि अन्य बजट में कई कमियां देखने को मिली थी। इस बार के बजट में सरकार ने सोच समझकर आम जनता को समर्पित करने के लिए बजट पेश किया है। 

शिक्षा और स्वास्थ्य सेक्टर की अनदेखी
अविनाश त्रिपाठी ने बजट जिन अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा है, उसे लेकर कहा कि एजुकेशन और हेल्थ सेक्टर को लेकर बहुत काम करने की जरूरत है। इसके जरिए समाज को और सुरक्षा देना बेहद जरूरी है, क्योंकि हमारे पास अभी इतने अच्छे सरकारी अस्पताल नहीं हैं, जिससे हर जगह बेहतर इलाज मिल सके। इस दिशा में ठोस कदम उठाना बेहद जरूरी है। वहीं शिक्षा को लेकर भी बजट में बड़ा कदम उठाया जाना जरूरी था। केंद्रीय विद्यालयों में सरकार फीस ले रही है और उसमें छोटे से लेकर मध्यम वर्ग के बच्चे पढ़ रहे हैं, ऐसे स्कूलों की संख्या बढ़ाई जाए तो जो प्राइवेट स्कूल शोषण कर रहे हैं, उससे लोगों को राहत मिलने का रास्ता खुलेगा। वास्तव में एजुकेशन और हेल्थ के सेक्टर बहुत काम करना बाकी है।

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