लखनऊ से बीएसपी विधायक राजूपाल हत्याकांड के मामले में बड़ी खबर सामने आई है। जहां एक तरफ मुख्तार अंसार की मौत का मामला गरम है, वहीं अतीक अहमद के गुर्गों पर भी शामत आ गई है। लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने प्रयागराज के शहर पश्चिमी से बीएसपी विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले में सभी सात आरोपियों को दोषी करार देते हुए...
अब इनकी आई शामत : अतीक के सात शूटर्स को सजा, सीबीआई की लखनऊ कोर्ट ने ठहराया दोषी
Mar 29, 2024 15:03
Mar 29, 2024 15:03
यह था राजू पाल हत्याकांड
बता दें कि साल 2004 में राजू पाल बीएसपी के टिकट से विधायक चुने गए थे। उस चुनाव में समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी और माफिया डॉन अतीक अहमद का भाई अशरफ हार गया था। जिसके बाद से राजू पाल और अतीक अहमद के बीच इस हार-जीत को लेकर रंजिश शुरू हो गई थी। जहां इसी रंजिश के चलते 25 जनवरी 2005 को अतीक अहमद के गैंग ने राजू पाल पर हमला किया था। बता दें कि हमले से पहले 25 जनवरी को विधायक राजू पाल एसआरएन हॉस्पिटल से निकले थे। जिनके काफिले में एक क्वालिस और एक स्कॉर्पियो कार थी। इस दौरान क्वालिस कार को खुद राजू पाल चला रहे थे और उनके साथ अगली सीट पर परिचित महिला रुखसाना बैठी हुई थी। जिसके बाद राजू पाल की प्रयागराज के धूमनगंज में हत्या कर दी गई थी। इस मामले में माफिया अतीक और अशरफ हत्याकांड में मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर सामने आए थे।
हत्या की रची गई थी साजिश
दरअसल बीएसपी विधायक राजू पाल की जीत के चलते अतीक अहमद बौखला गया था। इसके बाद उसने बीएसपी विधायक राजू पाल को मार डालने की साजिश रची थी और उसको अंजाम भी दिया। विधायक राजू पाल को 25 जनवरी 2005 को प्रयागराज के धूमनगंज में गोलियों से भून दिया गया था। अतीक अहमद और अशरफ ने गुर्गों के साथ मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। राजू पाल हत्याकांड के गवाह और अधिवक्ता उमेश पाल की भी जनवरी 2023 में हत्या कर दी गई थी। प्रयागराज में कोर्ट से लौटते वक्त उमेश पाल को अतीक के बेटे असद अहमद, बमबाज गुड्डू मुस्लिम और अन्य शूटरों ने ताबड़तोड़ गोलियां और बम बरसाकर मौत के घाट उतार दिया था। इस दौरान दो पुलिसकर्मियों को भी जान चली गई थी।
इनका भी हुआ हिसाब
विधायक राजू पाल हत्याकांड में शुक्रवार को लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने सभी सात आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा मुकर्रर की। इन सभी आरोपियों को दोषी ठहराते हुए अदालत ने इनमें से छह आरोपियों को उम्रकैद और एक को चार साल की सजा सुनाई है। वहीं पुलिस हिरासत में मारे गए अतीक अहमद और अशरफ भी राजू पाल हत्याकांड में नामजद थे, जो अब जिंदा नहीं हैं। इनके बाद जिंदा बचे सभी 7 आरोपी आबिद, फरहान, जावेद, अब्दुल कवी, गुल हसन, इसरार और रंजीत पाल को सजा सुनाई गई। वहीं इस मामले में माना जा रहा है कि मुख्तार के बाद अब राजूपाल हत्याकांड में आरोपियों का हिसाब भी तय है। योगी सरकार सभी माफियाओं और गुंडों की नाक में नकेल कसती जा रही है, जिनका एक-एक करके नंबर लगने वाला है।
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