लखनऊ और सीतापुर की जो भूमि इन परियोजनाओं के लिए निर्धारित की गई है, वह राजा महमूदाबाद की संपत्ति है। इसलिए, केंद्रीय गृह मंत्रालय इस जमीन को संबंधित विभागों को लीज पर देगा। इससे राज्य के कृषि और पशुपालन क्षेत्रों में नई संभावनाओं का मार्ग प्रशस्त होगा।
यूपी को 67 हेक्टेयर शत्रु संपत्ति देगी केंद्र सरकार : गौशाला और मत्स्यपालन के लिए होगा इस्तेमाल
Nov 19, 2024 11:07
Nov 19, 2024 11:07
शत्रु संपत्तियों का उपयोग
प्रदेश में वर्तमान में कुल 6,000 शत्रु संपत्तियां हैं, जिनमें से लगभग 5,700 संपत्तियां कृषि भूमि के रूप में चिह्नित हैं। राज्य सरकार ने हाल ही में केंद्र सरकार से इन संपत्तियों का उपयोग करने के लिए बातचीत की थी। इस कदम का उद्देश्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में गौशालाओं और अन्य कृषि संबंधित परियोजनाओं के लिए भूमि का सही उपयोग करना है।
लखनऊ, सीतापुर और उन्नाव में परियोजनाएं
पहले चरण के लिए, राज्य सरकार ने लखनऊ में 6 हेक्टेयर, सीतापुर में 16 हेक्टेयर, और उन्नाव में 6 हेक्टेयर जमीन गौशाला के लिए चिह्नित की है। इसके अलावा, सीतापुर में मत्स्य पालन विभाग को 39 हेक्टेयर शत्रु संपत्ति देने का निर्णय किया गया है। यह कदम मवेशियों की देखभाल और मत्स्य पालन के विकास के लिए एक बड़ी पहल है।
राजा महमूदाबाद की जमीन पर योजनाएं
लखनऊ और सीतापुर की जो भूमि इन परियोजनाओं के लिए निर्धारित की गई है, वह राजा महमूदाबाद की संपत्ति है। इसलिए, केंद्रीय गृह मंत्रालय इस जमीन को संबंधित विभागों को लीज पर देगा। इससे राज्य के कृषि और पशुपालन क्षेत्रों में नई संभावनाओं का मार्ग प्रशस्त होगा।
शत्रु संपत्ति क्या है?
शत्रु संपत्ति वह संपत्ति होती है जो भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध या विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गए नागरिकों की होती है। केंद्र सरकार इन संपत्तियों का प्रबंधन करती है और इन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं के लिए इस्तेमाल में लाने की अनुमति देती है।
संभावनाओं का विस्तार
कहा जा रहा है कि इस योजना से न केवल गौशालाओं का विस्तार होगा, बल्कि प्रदेश में मत्स्य पालन जैसे उद्यम भी प्रोत्साहित होंगे। इससे न केवल पशुओं के लिए उचित देखभाल सुनिश्चित होगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
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