अपने पत्र में चंद्रशेखर ने विभिन्न प्रमुख पदों पर दलित अधिकारियों की तैनाती का विवरण मांगा...
उपचुनाव से पहले दलित वोट बैंक पर फोकस : चंद्रशेखर आजाद ने प्रमुख पदों पर एससी-एसटी अफसरों की तैनाती का हिसाब मांगा, भेदभाव का लगाया आरोप
Nov 01, 2024 17:01
Nov 01, 2024 17:01
नियुक्ति विभाग, गृह विभाग और डीजीपी को भी भेजा पत्र
आजाद समाज पार्टी का यह कदम बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पारंपरिक वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए उठाया गया माना जा रहा है। दलित समुदाय को आकर्षित करने की इस रणनीति में चंद्रशेखर ने अपने पत्र में जाति आधारित भेदभाव और अत्याचार के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है। उन्होंने नियुक्ति विभाग, गृह विभाग और डीजीपी को भी पत्र की प्रतियां भेजकर इन अहम पदों पर दलित अधिकारियों की तैनाती के संबंध में सटीक जानकारी प्रदान करने की मांग की है।
दलित उत्पीड़न और भेदभाव पर जताई चिंता
चंद्रशेखर ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि राज्य में दलित आबादी लगभग 22 प्रतिशत है और इस जनसंख्या को अकसर जातिगत उत्पीड़न, शोषण और भेदभाव का सामना करना पड़ता है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन कई मामलों में दलितों के साथ उचित व्यवहार नहीं करता है। "पुलिस थानों में दलितों को अभद्रता का सामना करना पड़ता है, उनकी शिकायतें दर्ज नहीं की जातीं, और यदि दबाव में रिपोर्ट लिखी भी जाती है तो धाराओं को बदलकर कमजोर कर दिया जाता है," उन्होंने लिखा।
लखनऊ हिरासत मामले में सक्रियता
चंद्रशेखर आजाद ने बीते दिनों लखनऊ में एक दलित युवक की पुलिस हिरासत में मौत का भी उल्लेख किया है। इस घटना में आजाद समाज पार्टी के नेताओं ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर न्याय की मांग की थी। इस घटनाक्रम में चंद्रशेखर ने एक बार फिर बसपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि दलित समुदाय के मुद्दों पर बसपा के नेता सक्रिय नहीं हैं और केवल आजाद समाज पार्टी ही दलितों के हितों के लिए आवाज उठा रही है।
पदों पर दलित तैनाती का ब्योरा मांगा
अपने पत्र में चंद्रशेखर ने विभिन्न प्रमुख पदों पर दलित अधिकारियों की तैनाती का विवरण मांगा है। उनके द्वारा मांगे गए विवरण में मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव, सचिव, मंडलायुक्त, डीजी, एडीजी, आईजी, डीआईजी, डीएम, एसएसपी, एसपी, एडीएम और थानेदार जैसे पद शामिल हैं। यह मांग इसलिए की गई है ताकि यह पता चल सके कि उच्च पदों पर दलितों की भागीदारी किस हद तक है और क्या उनकी उपस्थिति उन पदों पर है जहां वे समुदाय की रक्षा और सेवा में अपनी भूमिका निभा सकते हैं।
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