चारबाग रेलवे स्टेशन को संवारने का काम तेज हो गया है। इसकी ऐतिहासिक विरासत और संस्कृतिक पहचान को भी संजोया जाएगा। निर्माणाधीन दो आइलैंड प्लेटफार्मों के बनने के बाद कुल प्लेटफार्मों की संख्या 11 हो जाएगी।
चारबाग रेलवे स्टेशन का नया लुक : ग्रीन बिल्डिंग कांसेप्ट पर एयरपोर्ट की तरह बनेगा, मेट्रो से भी जुड़ेगा
Jun 20, 2024 17:08
Jun 20, 2024 17:08
सुविधाओं का विस्तार होगा
स्टेशन में एक कॉन्कोर्स, दो नए प्लेटफार्म, लिफ्ट और एस्केलेटर की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही बेहतर पार्किंग, सीसीटीवी निगरानी और टिकटिंग की आधुनिक प्रणाली भी होगी। यात्रियों की आराम की दृष्टि से एसी लाउंज, सेंट्रल एयर कंडीशनिंग और विस्तृत सबवे सुविधा प्रदान की जाएगी। स्टेशन के अंदर और बाहर आने-जाने के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार होंगे। साथ ही, खानपान की उत्कृष्ट व्यवस्था भी की जाएगी।
एयरपोर्ट जैसा स्वरूप देने की कोशिश
पुनर्विकास परियोजना के तहत, चारबाग स्टेशन को एयरपोर्ट जैसा आधुनिक स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। वास्तुकला की दृष्टि से इसे भारत के सबसे खूबसूरत रेलवे स्टेशनों में शामिल किया जाता है। इसे देखकर लखनऊ के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का एहसास होता है। योजना के अनुसार, इसे जुलाई 2025 तक इस स्टेशन को पूरी तरह से तैयार कर लिया जाएगा। साथ ही इसकी ऐतिहासिक विरासत और संस्कृतिक पहचान को भी संजोया जाएगा।
कनेक्टिविटी भी सुधरेगी
चारबाग स्टेशन को मेट्रो से भी जोड़ने की योजना है। वर्तमान में पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ जंक्शन को मेट्रो से जोड़ा गया है, लेकिन चारबाग से मेट्रो दूर है। एकीकरण के बाद चारबाग को भी मेट्रो से जोड़ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने एक वीडियो साझा किया है। उन्होंने इसे लखनऊ के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ी छलांग बताया है।
Check out the 3D Model of the #Charbagh Railway Station Redevelopment Project! This transformation includes #Lucknow Junction, Metro Station, and the Second Entry Side, creating a seamlessly integrated and connected transit hub. A giant leap towards modernizing Lucknow!… pic.twitter.com/JjKzC52Fr7
— Awanish K Awasthi (@AwasthiAwanishK) June 19, 2024
भीड़ कम करने के लिए इंतजाम
स्टेशन पर यात्री भीड़ को कम करने के लिए आलमबाग की ओर से एक दूसरा प्रवेश द्वार बनाया जा रहा है। इस सेकेंड एंट्री से चौड़े रास्ते होंगे और मॉल, होटल, लाउंज आदि की सुविधाएं भी मिलेंगी। यह सात मंजिला अनूठी बिल्डिंग होगी। पुराने मालगोदामों को हटाकर उनकी जगह दो नए आइलैंड प्लेटफार्म बनाए जा रहे हैं। ये प्लेटफार्म टर्मिनेटिंग और ओरिजिनेटिंग ट्रेनों के लिए सुविधाजनक होंगे। इसके लिए कैबवे का भी विस्तार किया गया है। वर्तमान में स्टेशन पर नौ प्लेटफार्म हैं जहां ट्रेनों का आवागमन होता है। निर्माणाधीन दो आइलैंड प्लेटफार्मों के बनने के बाद कुल प्लेटफार्मों की संख्या 11 हो जाएगी।
ऐसे नाम पड़ा चारबाग
चारबाग स्टेशन का इतिहास बहुत पुराना है। यह नवाब आसफ-उद-दौला का पसंदीदा बगीचा था, जो शहर के सुंदर उद्यानों में से एक था। चार नहरों के चारों कोनों पर चार उद्यान बनाए गए थे, जिसे फारसी में चाहार बाग कहा जाता था। ब्रिटिश शासन के दौरान इस जगह पर एक शानदार स्टेशन बनाने की योजना बनाई गई। मार्च 1914 में इसकी आधारशिला रखी गई और 1923 तक यह इमारत बनकर तैयार हो गई थी। स्टेशन का निर्माण 70 लाख रुपये की लागत से हुआ था। ऊपर से देखने पर स्टेशन के गुंबद शतरंज के मोहरों की तरह दिखते हैं। चारबाग स्टेशन की वास्तुकला में राजपूत, अवधी और मुगल शैलियों का मिश्रण है। इसे भारत के सबसे सुंदर रेलवे स्टेशनों में से एक माना जाता है। इस स्टेशन के नजारे से लखनऊ की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का एहसास होता है।
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