सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर जनजातीय समाज की निष्ठा, त्याग, और वीरता को प्रेरणा का स्रोत बताते हुए कहा, जनजातीय समाज न केवल हमारे देश का मूल समुदाय है, बल्कि यह मातृभूमि की रक्षा और सेवा में सदैव तत्पर रहा है।
सीएम योगी ने किया अंतर्राष्ट्रीय जनजातीय भागीदारी उत्सव का शुभारंभ : बोले- मातृभूमि के प्रति सर्वोच्च निष्ठा का प्रतीक हैं समुदाय
Nov 15, 2024 12:47
Nov 15, 2024 12:47
विदेशी शासन के खिलाफ स्वतंत्रता के लिए किया संघर्ष
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर जनजातीय समाज की निष्ठा, त्याग, और वीरता को प्रेरणा का स्रोत बताते हुए कहा, जनजातीय समाज न केवल हमारे देश का मूल समुदाय है, बल्कि यह मातृभूमि की रक्षा और सेवा में सदैव तत्पर रहा है। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने विदेशी शासन के खिलाफ अपने समुदाय के अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया और उनका बलिदान पूरे देश के लिए एक आदर्श है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 नवंबर को "जनजातीय गौरव दिवस" के रूप में मनाने के निर्णय का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने इसे जनजातीय समाज की महिमा का सम्मान करने का महत्वपूर्ण कदम बताया।
जनजातीय संस्कृति का अनूठा संगम
यह छह दिवसीय उत्सव जनजातीय समाज की विविधतापूर्ण संस्कृति को प्रस्तुत करने का मंच प्रदान कर रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों से आए जनजातीय कलाकारों के साथ-साथ स्लोवाकिया और वियतनाम के कलाकार भी अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। यह आयोजन जनजातीय समाज के गौरवपूर्ण इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर को जानने और पहचानने का एक अनूठा अवसर है।
जनजातीय समुदाय के लिए सरकार के विशेष प्रयास
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार द्वारा जनजातीय समाज की आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान देने का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि 2017 में सरकार बनने के बाद से ही राज्य में जनजातीय समुदायों के सशक्तीकरण के प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने थारू, कोल, चेरु, गोंड और बुक्सा जैसे जनजातीय समुदायों के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं की जानकारी दी, जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना, हर घर शौचालय, एलपीजी कनेक्शन, वृद्धावस्था पेंशन, महिला पेंशन और दिव्यांगजन पेंशन जैसी कल्याणकारी योजनाएं शामिल हैं। सीएम योगी ने कहा कि उनकी सरकार ने जनजातीय समुदाय को सरकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए सैचुरेशन योजना के तहत अभियान चलाया है। उन्होंने बताया कि थारू, कोल, चेरु और अन्य जनजातीय समुदायों के जरूरतमंदों तक सरकारी लाभ पहुंचाने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, ताकि हर परिवार को विकास योजनाओं का लाभ मिल सके।
जनजातीय संस्कृति-धरोहर के संरक्षण के लिए म्यूजियम का निर्माण
सीएम योगी ने जनजातीय समाज की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए म्यूजियम निर्माण की योजना का जिक्र करते हुए बताया कि बलरामपुर में थारू जनजाति की संस्कृति के लिए एक भव्य म्यूजियम बनाया गया है। इसी प्रकार, सोनभद्र और बिजनौर में बुक्सा जनजाति की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए म्यूजियम बनाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, "टेक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए अपनी संस्कृति और विरासत से जुड़े रहना अत्यंत महत्वपूर्ण है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन संग्रहालयों के माध्यम से नई पीढ़ी अपनी सांस्कृतिक धरोहर से परिचित हो सकेगी।
जनजातीय समाज का सशक्तिकरण
सीएम ने जनजातीय समाज के बच्चों की शिक्षा के लिए विशेष प्रयासों पर बात करते हुए बताया कि वीर एकलव्य के नाम पर विभिन्न क्षेत्रों में विद्यालयों की स्थापना की जा रही है। इसके अलावा, आश्रम पद्धति के विद्यालयों के माध्यम से भी शिक्षा का प्रसार हो रहा है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज की आर्थिक प्रगति के लिए भी सरकार विभिन्न योजनाएं चला रही है, जिससे यह समाज तेजी से आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।
सबका साथ, सबका विकास के मंत्र के साथ समग्र विकास का प्रयास
सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "सबका साथ, सबका विकास" मंत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी सरकार समाज के हर वर्ग तक बिना भेदभाव के विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जीरो प्रॉपर्टी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार जनजातीय समुदाय, अनुसूचित जाति, अति पिछड़े वर्ग और अन्य जरूरतमंदों तक सभी कल्याणकारी योजनाएं पहुंचा रही है।
जनजातीय भागीदारी उत्सव में कलाकारों का स्वागत
सीएम योगी ने इस छह दिवसीय महोत्सव में शामिल हो रहे जनजातीय कलाकारों का स्वागत करते हुए कहा कि यह आयोजन न केवल जनजातीय समाज को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि उनके जीवन और उनकी परंपराओं को करीब से समझने का अवसर भी प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में निवास करने वाले जनजातीय समाज ने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा की है। सोनभद्र जिले में जनजातीय समाज का विशेष महत्व है और इस समाज को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की जा रही हैं। अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण, प्रमुख सचिव समाज कल्याण डॉ. हरिओम, प्रमुख सचिव संस्कृति विभाग मुकेश कुमार मेश्राम सहित कई अधिकारी और जनजातीय समाज से जुड़े गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।
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