बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि आज की स्थिति के अनुसार बाढ़ से अब तक कुल 20 जनपदों की 69 तहसीलों के 1571 गांव तथा बरेली, पीलीभीत व शाहजहांपुर के शहरी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं, जिसके कारण अब तक कुल 14.80 लाख नागरिक प्रभावित हुए हैं।
Lucknow News : सीएम योगी बोले-बाढ़ आपदा सहायता और संवेदना का समय, हर बाढ़ पीड़ित के साथ खड़ी है सरकार
Jul 17, 2024 15:30
Jul 17, 2024 15:30
- तटबंधों की 24×7 मॉनीटरिंग हो, राहत सामग्री की क्वालिटी व क्वांटिटी से समझौता नहीं
- 24 घंटे के भीतर बाढ़ प्रभावित परिवारों को उपलब्ध कराएं राहत राशि, जनप्रतिनिधियों के माध्यम से होगा वितरण
- पर्व-त्योहारों में अराजकता की जगह नहीं, अलर्ट रहे पुलिस और प्रशासन, अराजक तत्वों के साथ सख्ती से निपटें
- पर्व-त्योहारों में आस्था का सम्मान करें, नई परंपरा की अनुमति नहीं: मुख्यमंत्री
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि आज की स्थिति के अनुसार बाढ़ से अब तक कुल 20 जनपदों की 69 तहसीलों के 1571 गांव तथा बरेली, पीलीभीत व शाहजहांपुर के शहरी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं, जिसके कारण अब तक कुल 14.80 लाख नागरिक प्रभावित हुए हैं। इनमें से 5.29 लाख व्यक्ति ऐसे हैं, जिनकी संपतियों (कृषि, मकान, गृहस्थी का सामान एवं पशु) को क्षति पहुंची है। जलभराव के कारण प्राथमिक रूप से 3.19 लाख हेक्टेअर क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है। सेटेलाइट से प्राप्त जलभराव डाटा के आधार पर स्थलीय टीमें बनाकर कृषि क्षति का सर्वेक्षण/पुष्टि करायी जा रही है, साथ में ड्रोन सर्वे की व्यवस्था भी की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने दिए ये निर्देश
इस वर्ष 01 जून से अब तक प्रदेश में सामान्य वर्षा 220 मिमी के सापेक्ष 242.50 मिमी वर्षा हुई है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आगामी 22 जुलाई तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में तेज वर्षा होने की संभावना है। मौसम की बदलती परिस्थितियों पर सतत नजर रखी जाए। राहत आयुक्त कार्यालय सहित सभी जिला प्रशासन 24×7 अलर्ट मोड में रहें। पिछले कुछ दिनों में बाढ़, आकाशीय बिजली अथवा डूबने के कारण कई स्थानों पर जन-धन की हानि की दुःखद सूचना मिली है। यह समय सहायता और संवेदना का है। पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाए। आपदा से बचाव के लिए समस्त अधिकारी आपस में बेहतर समन्वय बनाकर कार्य करें। बाढ़ पीड़ितों के साथ सभी अधिकारियों एवं कार्मिकों का शिष्टाचारपूर्ण व्यवहार होना चाहिए।
24 घंटें में उपलब्ध कराई जाए सहायता राशि
बाढ़ में यदि किसी की फसल का नुकसान हुआ हो, नदी में जमीन का कटान हुआ हो और गृहस्थी का सामान बह गया हो, ऐसे सभी प्रकरणों में सहायता धनराशि 24 घंटों में उपलब्ध करा दी जाए। कृषि फसलों का सर्वे करवा लें। सहायता राशि स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से ही वितरित कराई जाए। बाढ़/अतिवृष्टि की स्थिति पर सतत नजर रखी जाए। सभी नदियों के जलस्तर और तटबंधों की 24×7 मॉनीटरिंग की जाए। प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ/पीएसी की फ्लड यूनिट तथा आपदा प्रबंधन टीमों को 24×7 एक्टिव मोड में रहें। आपदा प्रबंधन मित्र, सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों की आवश्यकतानुसार सहायता ली जानी चाहिए।
राशन सामग्री समय से कराएं उपलब्ध
बाढ़ पीड़ितों को भोजन पैकेट एवं राशन सामग्री प्रत्येक दशा में समय से उपलब्ध कराई जाए। भोजन एवं खाद्यान्न की क्वालिटी और क्वांटिटी का विशेष ध्यान रखा जाए। इससे कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए। बाढ़ के दौरान जिन गांवों में जलभराव की स्थिति बन रही है, वहां आवश्यकतानुसार पशुओं को अन्यत्र सुरक्षित स्थल पर शिफ्ट कराया जाए। स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए स्थान का चयन कर लिया जाए। इन स्थलों पर पशु चारे की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में समस्त चिकित्सालयों में एंटी स्नेक वेनम और एंटी रैबीज इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। सर्पदंश एक भी पीड़ित हो तो भी उसका इलाज किया जाना सुनिश्चित करें।
जलभराव की समस्या का हल निकालें
सीएम ने कहा कि राहत आयुक्त द्वारा प्रेषित की जा रही अर्ली वार्निंग अलर्ट को संबंधित क्षेत्रों में आम जनता तक अनिवार्य रूप से तत्काल भेजा जाए और आपदा प्रोटोकाल का अक्षरशः पालन किया जाए। जनपद स्तर पर विज्ञप्ति जारी की जाए। लोगों को सुरक्षा के दृष्टिगत आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई जाए। हमें बाढ़ के साथ-साथ जलभराव के निदान के लिए भी ठोस प्रयास करना होगा। शहरी क्षेत्रों में भी अर्बल फ्लड की सम्भावना के दृष्टिगत नालों की साफ-सफाई करा ली जाए एवं निचले इलाकों से पानी के निकास के लिए पम्पिंग स्टेशन क्रियाशील रखें।
शहरी क्षेत्रों के पम्पिंग स्टेशन के संचालन के लिए जेनसेट की भी वैकल्पिक व्यवस्था रखी जाए। पर्व-त्योहार में आम जन को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। धार्मिक परंपरा/आस्था को सम्मान दें, लेकिन परंपरा के विरुद्ध कोई कार्य न हो। ऐसी कोई घटना न हो, जिससे दूसरे धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हों। धार्मिक आयोजन के नाम पर अराजकता को स्वीकार नहीं किया जा सकता। अराजक तत्वों के साथ सख्ती से निपटें। हर एक पर्व शांति और सौहार्द के बीच संपन्न हों, इसके लिए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं।
सीएम ने कहा कि सभी जिलाधिकारी, बीएसए, एबीएसए के साथ मिलकर स्थानीय शिक्षक प्रतिनिधियों से संवाद करें, उनकी समस्याओं, जिज्ञासाओं का यथोचित समाधान करें शिक्षक प्रतिनिधियों से प्रतिवेदन प्राप्त कर मुख्यालय को प्रेषित करें। पठन- पाठन सुचारु रूप से चलता रहे, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
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