गोमतीनगर में शनिवार को छात्र-छात्राओं को पॉक्सो अधिनियम के प्रति जागरुक किया गया। इस दौरान बच्चों को गुड टच (अच्छा स्पर्श) और बैड टच (बुरा स्पर्श) के बारे में बताया गया।
Lucknow News : छात्र-छात्राओं को 'छुअन' की शिक्षा, पॉक्सो अधिनियम के प्रति किया गया जागरुक
Oct 05, 2024 15:32
Oct 05, 2024 15:32
गुड टच व बैड टच की दी जानकारी
क्लब की सदस्य कशिश ने पॉक्सो अधिनियम की पृष्ठभूमि और उसके उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने "गुड टच" और "बैड टच" के बीच के अंतर को स्पष्ट किया। जिससे छात्रों को यह समझने में मदद मिली कि वे कैसे खुद की और दूसरों की सुरक्षा कर सकते हैं। मल ने बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों से संबंधित अधिनियम के प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने यह बताया कि कैसे ये प्रावधान बच्चों को यौन शोषण से बचाने में मदद करते हैं।
पॉक्सो अधिनियम के प्रावधान बताए
अमन और सार्थक ने पॉक्सो अधिनियम के तहत आने वाले विभिन्न अपराधों और उनकी सजा के प्रावधानों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे इस अधिनियम के तहत दोषियों को त्वरित न्याय दिलाने के लिए विशेष अदालतों का गठन किया गया है। पार्थ ने इस अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों और न्यायालय के महत्वपूर्ण फैसलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे न्यायपालिका ने इस अधिनियम को लागू करने में मदद की है।
ऐसी चर्चाएं विद्यार्थियों के लिए मददगार
सिटी मॉन्टेसरी स्कूल की प्रिंसिपल कनिका कपूर ने कहा कि ऐसी कार्यशालाएं विद्यार्थियों को न केवल कानूनी जानकारी देती हैं, बल्कि उन्हें अपनी जिम्मेदारियों को समझने में भी मदद करती हैं। वहीं विधि संकाय के विभागाध्यक्ष और डीन, प्रो बीडी सिंह ने कहा कि इस प्रकार की चर्चाएं छात्रों को कानूनी ज्ञान के साथ-साथ समाज में अपनी जिम्मेदारियों को समझने में भी मदद करती हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे इस जानकारी का उपयोग कर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आगे बढ़ें।'
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