ठगों ने एके सिंह को 48 घंटे तक डिजिटल गिरफ्त में रखा और उन्हें गिरफ्तारी से बचने के लिए उनके बैंक खाते की रकम की जांच कराने की बात कही। इस दबाव में आकर एके सिंह ने ठगों द्वारा दिए गए 11 अलग-अलग बैंक खातों में 84 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
साइबर ठगों का नया जाल : मरीन इंजीनियर को 48 घंटे डिजिटल अरेस्ट कर 84 लाख वसूले
Oct 20, 2024 10:11
Oct 20, 2024 10:11
कैसे हुई घटना की शुरुआत
हजरतगंज के निवासी एके सिंह 27 सितंबर को दिल्ली में एक सेमिनार में भाग लेने गए थे और वहीं एक होटल में ठहरे हुए थे। तभी उनके पास एक अंजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को ट्राई (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) से बताया और कहा कि उनके मोबाइल नंबर से आपत्तिजनक मैसेज भेजे गए हैं, जिससे उनका नंबर बंद किया जा रहा है। कॉल करने वाले ने उन्हें सलाह दी कि वे मुंबई के अंधेरी ईस्ट पुलिस स्टेशन के एसआई प्रदीप सावंत से बात करें ताकि उनका नंबर बंद न हो।
फर्जी पुलिस अधिकारी का दबाव
एके सिंह ने जब एसआई प्रदीप सावंत से बात की, तो उसने कहा कि उनके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल हुआ है और इसी बीच उन्हें फोन पर गिरफ्तारी वारंट जारी होने की आवाज सुनाई दी। इससे वह और ज्यादा घबरा गए। इसके बाद फर्जी दारोगा ने कहा कि उन्हें सीबीआई अधिकारी राजेश मिश्रा से बात करनी होगी। राजेश मिश्रा नामक ठग ने उन्हें कहा कि वह जेट एयरवेज के नरेश गोयल के मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी हैं और उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल करके केनरा बैंक में फर्जी अकाउंट खोला गया है।
11 अलग-अलग बैंक खातों में रुपये कराये ट्रांसफर
ठगों ने एके सिंह को 48 घंटे तक डिजिटल गिरफ्त में रखा और उन्हें गिरफ्तारी से बचने के लिए उनके बैंक खाते की रकम की जांच कराने की बात कही। इस दबाव में आकर एके सिंह ने ठगों द्वारा दिए गए 11 अलग-अलग बैंक खातों में 84 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। उन्होंने दो दिन तक इस घटना की जानकारी अपने परिवार से भी छुपाई और अंत में अपने एक दोस्त से यह सब बताया।
पांच घंटे की डिजिटल गिरफ्त में युवक से 36 हजार की ठगी
ठगी का यह मामला अकेला नहीं है। एक अन्य घटना में ठगों ने एलडीए कॉलोनी निवासी हरेंद्र सिंह को 18 सितंबर को पांच घंटे तक डिजिटल गिरफ्त में रखकर 36 हजार रुपये की ठगी की। हरेंद्र सिंह के मुताबिक, सुबह उन्हें एक अनजान नंबर से कॉल आई, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को पुलिस अधिकारी बताया और एक मामले में उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी दी। उनसे पूछताछ के बहाने उन्हें पांच घंटे तक डिजिटल रूप से बंधक बनाया गया और अंत में 36 हजार रुपये की मांग की गई। रकम ट्रांसफर करने के बाद ही उन्हें ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने कृष्णानगर थाने में केस दर्ज कराया।
सावधान और सतर्क रहें
लखनऊ पुलिस के मुताबिक साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं के कारण लोगों को अत्यधिक सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे मामलों में किसी भी अनजान नंबर से आई कॉल पर भरोसा न करें और तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम हेल्पलाइन से संपर्क करें। यह ठगी करने वाले साइबर अपराधी लोगों की घबराहट और अज्ञानता का फायदा उठाते हैं और उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचाते हैं।
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