पुलिस उपायुक्त शशांक सिंह ने बताया कि मुख्य आरोपी गजानन को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में जल्द अर्जी दायर की जाएगी। इसके बाद उससे मर्डर केस में पूछताछ की जाएगी।
डिलीवरी मैन हत्याकांड : मुख्य आरोपी को एनकाउंटर का खौफ! कोर्ट में चुपचाप किया सरेंडर-जमानत मिलने के बावजूद गया जेल
Oct 03, 2024 09:07
Oct 03, 2024 09:07
अब रिमांड में लेने के बाद होगी पूछताछ
पुलिस उपायुक्त शशांक सिंह ने बताया कि मुख्य आरोपी गजानन को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में जल्द अर्जी दायर की जाएगी। इसके बाद उससे मर्डर केस में पूछताछ की जाएगी। गजानन मूल रूप से गोरखपुर के उरूवा सहुआपार गांव का रहने वाला है। वह लखनऊ में तकरोही में कई साल से रह रहा था।
शव की तलाश जारी
इस बीच इंदिर नहर में अभी तक भरत का शव नहीं मिल सका है। एसडीआरएफ की टीम मामले के सामने आने के बाद से ही शव की तलाश में जुटी हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली है। इसे लेकर नहर के करीब वाले थाना क्षेत्रों को भी जानकारी दी गई है, जिससे उनके इलाके में शव मिलने पर इसे साझा किया जा सके।
ये था पूरा मामला
चिनहट के सविता विहार में रहने वाले भरत कुमार प्रजापति 24 सितंबर को दो महंगे मोबाइल फोन, जिनकी कीमत एक लाख रुपये थी, डिलीवर करने निकला था। इसी दौरान गजानन दुबे और उसके साथी आकाश शर्मा ने मोबाइल और कैश लूटने के बाद भरत की हत्या कर दी। बाद में उन्होंने शव को बैग में भरकर बाराबंकी के माती इलाके में इंदिरा नहर में फेंक दिया था।
आरोपी की गिरफ्तारी
पुलिस ने आकाश शर्मा को मंगलवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इंस्पेक्टर चिनहट अश्विनी चतुर्वेदी ने बताया कि आरोपी गजानन दुबे के खिलाफ 2021 में बाराबंकी के कुर्सी थाने में मारपीट और धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ था। इसी केस में उसने कोर्ट में पेश होकर जमानत ली। लेकिन, बेल बांड न भरने की वजह से जेल भेजा गया।
एनकाउंटर के डर से किया आत्मसमर्पण
माना जा रहा है कि आरोपी को यह डर था कि उसका एनकाउंटर हो सकता है, इसलिए उसने खुद को कोर्ट में हाजिर किया। बेल बांड नहीं भरने के पीछे भी यही डर कारण रहा। पुलिस जांच में पता चला कि गजानन के खिलाफ मारपीट, धमकी और धोखाधड़ी के तीन मामले दर्ज हैं। अब पुलिस आरोपी पर गैंगस्टर एक्ट लगाने की तैयारी कर रही है।
जांच में निर्दोष पाया गया हिमांशु
शुरुआत में पुलिस को शक था कि हिमांशु कनौजिया ने वारदात में भूमिका निभाई थी, क्योंकि अंतिम कॉल उसी को की गई थी और दोनों मोबाइल भी उसी के फ्लिपकार्ट अकाउंट से ऑर्डर किए गए थे। हालांकि जांच के दौरान एक कॉल रिकॉर्डिंग सामने आई, जिसमें भरत ने मोबाइल डिलीवर करते समय हिमांशु से बात की थी और फिर हिमांशु ने गजानन से कॉल कांफ्रेंसिंग कराई थी। इसके बाद, हिमांशु को क्लीन चिट दे दी गई।
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