किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) की विशेषज्ञ का कहना है कि गर्भवती महिलाओं में डेंगू का खतरा अधिक होता है, क्योंकि इस दौरान उनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती है।
लखनऊ में बढ़ रहे डेंगू के मामले : गर्भवती महिलाओं को अधिक खतरा, जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ
Oct 23, 2024 22:13
Oct 23, 2024 22:13
शारीरिक-मानसिक विकलांगता का खतरा
वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता देव ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिए डेंगू संक्रमण गंभीर हो सकता है। यदि गर्भवती महिला डेंगू से ग्रसित होती है, तो उसकी एंटीबॉडी गर्भस्थ शिशु तक पहुंच सकती है, जिससे शिशु भी प्रभावित हो सकता है। इसके परिणाम स्वरूप गर्भपात, समय से पूर्व प्रसव, और शिशु का कम वजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, जन्मजात शारीरिक और मानसिक विकलांगता का भी खतरा होता है।
सावधानी बरतने की सलाह
डॉ. देव ने गर्भवती महिलाओं से आग्रह किया है कि वे डेंगू से बचने के लिए आवश्यक सावधानियाँ अपनाएं। इनमें पूरी बांह के कपड़े पहनना, मच्छरदानी में सोना, मच्छररोधी क्रीम का उपयोग करना, और घर की खिड़कियों व दरवाजों पर जाली लगाना शामिल हैं। इसके साथ ही, घर और आसपास पानी एकत्रित नहीं होने देना चाहिए।
लक्षणों पर ध्यान दें
गर्भवती महिलाओं को डेंगू के लक्षणों के प्रति सजग रहने की सलाह दी गई है। यदि किसी को सात दिनों तक 100.4 डिग्री फ़ारेनहाइट या उससे अधिक बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, चकत्ते, रक्तस्राव, उल्टी, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों में दर्द, या योनि से रक्तस्राव जैसे लक्षण दिखाई दें, तो उन्हें तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग ने सभी को सलाह दी है कि डेंगू की स्थिति को गंभीरता से लें और आवश्यक सावधानियां बरतें।
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