नॉन-डेंगू वायरल सिंड्रोम के मरीजों में भी डेंगू की तरह टोटल ल्यूकोसाइट काउंट (टीएलसी) कम हो रही है, जिससे डॉक्टर इसे डेंगू मानकर ही इलाज कर रहे हैं। सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में रोजाना दो से तीन मरीज ऐसे आ रहे हैं, जिनकी प्लेटलेट्स 50,000 तक गिर जाती हैं। हालांकि, उनकी डेंगू रिपोर्ट निगेटिव रहती है।
लखनऊ में वायरल फीवर फैला रहा भ्रम : नॉन-डेंगू वायरल सिंड्रोम के मरीजों की घट रही प्लेटलेट्स और टीएलसी
Nov 04, 2024 10:09
Nov 04, 2024 10:09
डेंगू जैसे लक्षण पर डॉक्टरों की चिंता
नॉन-डेंगू वायरल सिंड्रोम के मरीजों में भी डेंगू की तरह टोटल ल्यूकोसाइट काउंट (टीएलसी) कम हो रही है, जिससे डॉक्टर इसे डेंगू मानकर ही इलाज कर रहे हैं। बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. पवन कुमार अरुण के मुताबिक इस तरह के डेंगू-जैसे लक्षण वाले 8-10 मरीज रोजाना भर्ती हो रहे हैं।
नॉन-डेंगू वायरल बुखार के मामले पहले भी आए सामने
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा मामला वर्ष 2016 में भी देखा गया था, जब पुराने लखनऊ में फैजुल्लागंज, केशवनगर और खदरा जैसे इलाकों में डेंगू जैसे लक्षणों वाले केस सामने आए थे। लेकिन, उनकी डेंगू रिपोर्ट निगेटिव थी। इन मरीजों की प्लेटलेट्स की संख्या 30,000 से भी कम हो गई थी।
लक्षणों पर नजर रखना जरूरी
सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश श्रीवास्तव के अनुसार, इमरजेंसी में रोजाना दो से तीन मरीज ऐसे आ रहे हैं, जिनकी प्लेटलेट्स 50,000 तक गिर जाती हैं। हालांकि, उनकी डेंगू रिपोर्ट निगेटिव रहती है, इसलिए इसे नॉन-डेंगू सिंड्रोम के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे मरीजों को डॉक्टरों से समय-समय पर सलाह लेकर इलाज करवाने की जरूरत है।
नॉन-डेंगू वायरल सिंड्रोम के मरीजों के लिए सलाह
- भरपूर पानी और फल के रस का सेवन: पानी, फलों के रस और नारियल पानी का सेवन करें ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।
- आराम करना आवश्यक: इस बुखार से जल्द ठीक होने के लिए जितना हो सके आराम करें।
- प्लेटलेट्स की नियमित जांच: नियमित रूप से प्लेटलेट्स की जांच कराते रहें, ताकि स्थिति पर नज़र रखी जा सके।
- गंभीर लक्षणों पर ध्यान: अगर बुखार, रक्तस्राव या अन्य कोई लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
- भारी भोजन से बचें: गरिष्ठ, मसालेदार भोजन से परहेज करें क्योंकि इससे पाचन में समस्या हो सकती है।
- व्यायाम से बचें: इस दौरान भारी व्यायाम न करें, क्योंकि शरीर कमजोर हो सकता है।
- खुद से दवा न लें: बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें।
राजधानी में बीते चौबीस घंटे डेंगू के 41 नए मामले सामने आए, जिससे इस वर्ष डेंगू के मामलों की कुल संख्या 2111 हो गई है। यह पिछले साल के आंकड़ों को भी पार कर चुका है। बीते वर्ष 5 नवंबर तक 1750 और 31 दिसंबर तक 2700 केस सामने आए थे। सीएमओ कार्यालय के अनुसार, डेंगू के सबसे अधिक मामले आलमबाग और इंदिरानगर में पाए गए हैं। प्रशासन ने एंटी-लार्वा का छिड़काव और सर्वेक्षण अभियान तेज कर दिया है, और लार्वा मिलने वाले घरों को नोटिस भी जारी किए गए हैं।
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